नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता नितिन गडकरी द्वारा दायर मानहानि के एक मुकदमे में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को समन जारी किया। गडकरी ने ‘भ्रष्ट’ कहने के लिए मानहानि का मामला दायर किया है। महानगर दंडाधिकारी गोमती मनोचा ने केजरीवाल को अगली सुनवाई की तारीख 7 अप्रैल को अदालत में हाजिर होने के लिए कहा है। अदालत ने कहा ‘‘शिकायतकर्ता सहित गवाहों के बयान और पेश किए गए अन्य सबूत पर जिरह के बाद ऐसा लग रहा है कि केजरीवाल द्वारा कथित रूप से दिए गए झूठे बयान से दूसरों की नजरों में शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है और उनका सम्मान कम होता है।’’ अदालत ने माना कि इस बयान को काफी प्रकाशित-प्रसारित किया गया है।
अदालत ने कहा ‘‘यह आरोप लगाया गया है कि यह बयान झूठे हैं और यह दुर्भावनापूर्ण तरीके से राजनीतिक फायदे और मीडिया का ध्यान आकृष्ट करने के उद्देश्य से दिए गए हैं।’’ अदालत ने कहा कि इस परिस्थिति में प्रथम दृष्टया लग रहा है कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499/5०० के अंतर्गत किए गए अपराध के लिए आरोपी के खिलाफ मामला चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। अदालत ने कहा कि वह सबूतों पर विचार करेगी।
गडकरी की शिकायत के मुताबिक 31 जनवरी को केजरीवाल ने जानबूझ कर भारत के सबसे भ्रष्ट लोगों की एक सूची जारी की थी और उसमें गडकरी का अत्यधिक गैर जिम्मेदाराना तरीके से उल्लेख किया।
भाजपा नेता की तरफ से अधिवक्ता पिंकी आनंद ने न्यायालय से कहा कि केजरीवाल ने गडकरी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के उद्देश्य से यह बयान दिया था। न्यायालय ने 18 फरवरी को गडकरी और दो गवाहों के बयान दर्ज किए थे। याचिका के मुताबिक ‘‘गडकरी किसी भी तरह के गलत एवं भ्रष्ट कार्य के मामले में शामिल नहीं रहे हैं फिर भी केजरीवाल ने गडकरी की छवि खराब करने की कोशिश की है।’’
न्यायालय से आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई किए जाने और उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलाए जाने की अपील की गई थी। गडकरी ने न्यायालय को बताया कि केजरीवाल द्वारा उनके खिलाफ दिए गए झूठे आधारहीन मानहानि वाले बयान और समाचार काफी प्रकाशित किए गए हैं जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।