अद्धयात्म

मान ली है संघर्ष से हार तो तितली से सीखें जिंदगी का बड़ा सबक

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-

Emery gently passes Shanah to the hand of Linda.

एक बच्चे को बगीचे में एक टहनी से लटकता हुआ तितली का कोकून दिखा। वह रोज उसे देखता। उसने एक दिन देखा कि उसमें छोटा-सा छेद हो गया है।

वह वहीं बैठ गया। कुछ समय बाद उसने देखा कि एक छोटी-सी तितली उस कोकून के छेद से बाहर आने की कोशिश कर रही है।

तितली अपनी ओर से बहुत प्रयास कर रही थी लेकिन उससे बाहर नहीं आ पा रही थी। कुछ देर बाद वह शांत पड़ गई। बच्चे को लगा कि तितली हार मान बैठी है।

तितली को बाहर निकालने में मदद करने की बात सोचकर वह एक कैंची लेकर आया और कोकून का मुंह काटकर थोड़ा बड़ा कर दिया।

अब तितली बहुत आसानी से बाहर आ गई लेकिन उसके शरीर पर सूजन थी और पंख सूखे हुए थे। बच्चे को लगा कि तितली उड़ेगी लेकिन वह ताउम्र नहीं उड़ पाई। सिर्फ घिसटती ही रही।

बच्चा यह बात समझ ही नहीं पाया कि उसने मदद करके जिस संघर्ष को खत्म कर दिया था, उसी में तितली का जीवन था। इसी तरह इन्सान के जीवन के संघर्ष भी उसे उसकी क्षमताओं को मजबूत करने का मौका मिलता है। इसलिए संघर्षों से घबराएं नहीं, क्योंकि संघर्ष हमें मजबूत बनाते हैं।

 

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