मायावती ने राष्ट्रपति संबोधन को मोदी सरकार की नीरसता का प्रतीक बताया
संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के संबोधन को मायावती ने मोदी सरकार की नीरसता का प्रतीक बताया है।
लखनऊ। संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में आज राष्ट्रपति के संबोधन को मोदी सरकार की नीरसता का प्रतीक बताते हुए बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा है कि यह सरकार देश के गरीब-बेरोजगारों व मध्यमवर्गीय लोगों के जीवन में नई उम्मीदें पैदा करने में लगातार विफल साबित हुई है।
मायावती ने कहा कि राष्ट्रपति का संबोधन केंद्र सरकार की नीति व कार्यक्रमों का दस्तावेज होने के कारण देशवासियों को इससे काफी उम्मीद थी लेकिन, कुछ नया सुनने को नहीं मिला। बसपा प्रमुख ने कहाकि ऐसे संबोधन में भी नरेंद्र मोदी सरकार अपनी योजनाओं का नाम गिनवाने का प्रयास करती रहती है लेकिन, जमीनी स्तर पर योजनाओं का लाभ न मिलने से आमजनता में हताशा व निराशा है। नोटबंदी के फायदे भी लोगों को नजर नहीं आ रहे हैं जिससे यह प्रयास भी लोगों को अच्छे दिन के बहलावे की तरह एक और बहकावा ही लग रहा है। वास्तव में मोदी सरकार तमाम समस्याओं से लोगों का ध्यान बांटने के लिए नई-नई पैंतरेबाजी व नाटकबाजी ही करती रही है। अब रेल बजट व सामान्य बजट को एक कर बजट पेश करने के साथ-साथ पहली फरवरी को पेश करने की नई परम्परा शुरू की गई है लेकिन, इससे क्या फायदा होगा? इस बारे में मोदी सरकार, देश की जनता को अपने पिछले कई फैसलों की तरह सही से आश्वस्त नहीं कर पा रही है।