पटनाः बिहार में नक्सलियों की कमर अब टूटती जा रही है। यही कारण है कि नक्सलियों का प्रभाव धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। गृह मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के छह जिलों को नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त करा लिया गया है। ऐसे में राज्य में अब केवल 10 ऐसे जिले बचे हैं, जो नक्सल प्रभावित हैं।
गृह मंत्रालय के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार में मुजफ्फरपुर, वैशाली, जहानाबाद, नालंदा, अरवल और पूर्वी चंपारण जिलों में अब नक्सलियों का सफाया हो चुका है। इन जिलों में अब नक्सल से बचाव को लेकर एसआरई यानि सुरक्षा संबंधित खर्च नहीं किए जाएंगे। इस खर्च के दायरे से इन जिलों को बाहर रखा गया है।
गृह मंत्रालय की तरफ से यह खर्च उन्हीं जिलों में किया जाता है, जहां नक्सल का प्रभाव है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब मात्र दस जिले ही नक्सल प्रभावित हैं। नक्सल प्रभावित जिलों में तीन जिले अति प्रभावित हैं, जबकि मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि इन दस जिलों में एक जिला ऐसा है जिस पर गंभीर होने की जरूरत है।
राज्य के तीन जिले अत्यधिक प्रभावित
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए इस नए वर्गीकरण के मुताबिक राज्य में अब औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, कैमूर, लखीसराय, मुंगेर, नवादा, रोहतास और पश्चिमी चंपारण नक्सल से प्रभावित बताया गया है। इन दस जिलों में राज्य के तीन जिले गया, जमुई और लखीसराय अत्यधिक प्रभावित बताए गए हैं, जबकि औरंगाबाद को डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंसर्न यानी इस जिले पर गंभीर होने की बात कही गई है।
2018 में बिहार में 16 जिले प्रभावित थे
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में केंद्र सरकार की ओर से नक्सल प्रभावित जिलों की सूची जारी की गई थी। उस समय बिहार में 16 जिले प्रभावित बताए गए थे। बिहार के अलावा देश में भी नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटी है। 2018 की रिपोर्ट के अनुसार 11 राज्यों के 90 जिले नक्सल प्रभावित थे। वर्तमान में दस राज्यों के 70 जिले प्रभावित हैं। देश के 25 जिलों को अति प्रभावित जिलों में घोषित किया गया है, जबकि छह राज्यों के आठ जिलों के डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंसर्न में रखा गया है। बिहार के अलावा आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिसा और तेलंगाना वर्तमान में प्रभावित जिले हैं।