नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में हुई हिंसा के मामले में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार दोपहर को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें दो ज्ञापन भी सौंपे। प्रतिनिधिमंडल में पार्टी सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह, महासचिव कैलाश विजय वर्गीय और अन्य नेता मौजूद थे।
बीजेपी नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात करके उनसे इस मामले में दखल देने का अनुरोध किया। बीजेपी का मानना है कि ममता बनर्जी की राज्य सरकार घटना को काबू करने में नाकाम रही है। बीजेपी का यह भी मानना है कि ऐसी घटनाएं देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा हैं।
गौरतलब है कि इस माह की शुरुआत में हुई इस हिंसा में लाखों की भीड़ ने स्थानीय पुलिस स्टेशन को जला दिया था। मुलाकात का यह कदम मालदा हिंसा पर बीजेपी नेताओं और आरएसएस के बीच हुई बैठक के बाद उठाया उठाया गया। ऐसा माना जा रहा है कि आरएसएस ने बीजेपी से यह कहा है कि ‘मालदा जैसी घटनाओं को हाईलाइट करने के लिए और अधिक सक्रियता दिखाए’।
बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने ममता बैनर्जी सरकार से 3 जनवरी को मालदा के कलियाचक में हुई हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है। पार्टी ने अपने सांसदों की एक टीम भी कलियाचक भेजी थी, लेकिन उसे वहां जाने से रोक दिया गया था। सूत्रों के अनुसार अब केंद्र मालदा के लिए कोई टीम भेज सकता है।
गौरतलब है कि राज्य में कुछ माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि पश्चिम बंगाल में बीजेपी अभी हाशिये पर है, लेकिन उसके नेताओं को मालदा और उसके आसपास के क्षेत्र में बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। परंपरागत रूप से यह इलाका कांग्रेस के प्रभुत्व वाला है।
पार्टी ने अब राज्य में सोमवार से कई रैलियां करने की योजना बनाई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और स्मृति ईरानी अगले रविवार से शुरू होने वाली रैलियों को संबोधित करेंगे, वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह 25 जनवरी को हावड़ा में जनसभा को संबोधित करके इस अभियान का समापन करेंगे।