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मिड डे मील मामले में कोर्ट ने आरोपियों को दी सजा

meenadeviछपरा। बिहार के सारण जिले के कोर्ट ने गंडामन सरकारी प्राथमिक स्कूल के मिड डे मील मामले में फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल मीना देवी को 17  साल की सजा सुनाई है।

25 अगस्त को मीना देवी को इस मामले में दोषी पाया गया था। भादवि की धारा 304 के भाग दो के अंतर्गत 10 साल की सश्रम कारावास के अलावा ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया ।

जुर्माने की राशि में से 20 हजार रुपये सरकारी खजाने में और शेष दो लाख 30 हजार रुपये पीड़ित परिवार के लोगों को दी जायेगी। वहीं भादवि की धारा 308 के तहत 7 साल सश्रम कारावास के साथ ही सवा लाख रुपये का जुर्माना हुआ। जुर्माने की राशि हादसे में बीमार बच्चों के परिजनों को देने का आदेश एडीजे ने दिया। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर एक साल की अतिरिक्त सश्रम कारावास होगी।

मिड डे मील मामले में कोर्ट ने आरोपियों को दी सजा

एडीजे ने दोनों सजा एक साथ नहीं, बल्कि अलग-अलग चलने का आदेश अपने फैसले में सुनाया है। इस तरह एचएम को एडीजे के निर्णय के मुताबिक 17 साल सश्रम कारावास के साथ ही तीन लाख 55 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।

16 जुलाई, 2013 को मध्याह्न भोजन के इतिहास में सबसे क्रूर दिन साबित हुआ। इस दिन सारण जिले के मशरक प्रखंड के धर्मासती गंडामन गांव में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में बने जहरीले निवाले ने 23 मासूमों को निगल लिया था। एक रसोइया और 24 मासूम लंबे समय तक चले इलाज के बाद ठीक हुए थे।

 हादसे में अपने इकलौते संतान आशीष को खोने वाले अखिलानंद मिश्र ने मशरक थाने में प्रधानाध्यापिका के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी। मीना को एसआईटी में शामिल महिला थानाध्यक्ष अमिता सिंह के नेतृत्व में 23 जुलाई को गिरफ्तार करने में सफलता मिली थी। इसके बाद से ही मीना छपरा जेल में बंद है।

वहीं पिछले 24 जुलाई को एडीजे ने मीना के पति अर्जुन राय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।

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