राष्ट्रीयलखनऊ

मुजफ्फरनगर राहत शिविरों में अब 4738 लोग

rastriलखनऊ (दस्तक ब्यूरो)। मुजफ्फरनगर व शामली में हुए साम्प्रदायिक दंगों के बाद राहत शिविरों में रह रहे लोगों के बारे में आज राज्य सरकार ने बताया कि दंगों से प्रभावित अधिकतर लोग अपने घरों में पहुंच चुके हैं। इस समय केवल पांच शिविर बचे हैं जिनमें 4738 लोग बचे हैं। दंगो से सहमे यह लोग अपने घर वापस जाना नहीं चाहते इसके लिए सरकार ने उन्हे अन्यत्र बसाने की व्यवस्था की है। इसके अलावा मेरठ के मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में तात्कालिक प्रभाव से एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट शासन को देगी। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर व सीमावर्ती जनपदों मेरठ  बागपत  सहारनपुर एवं शामली में हुए साम्प्रदायिक तनाव व हिंसा कीघटनाओं में कुल 65 व्यक्तियों की मौत हुई थी जबकि 85 व्यक्ति घायल हुये थे। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने शुक्रवार को यहां पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि अपने घरों से पलायन कर गये लगभग 51 हजार लोगों ने 58 राहत शिविरों में शरण ली। राहत शिविरों के माध्यम से प्रशासन द्वारा लोगों को ठहरनें  चिकित्सा  खाद्य सामग्री एवं दैनिक उपयोग की जरुरी समस्त सुविधायें उपलब्ध करायी गयी। मुजफ्फरनगर के 41 शिविरों में 27198  शामली के 17 शिविरों में 23757 व्यक्तियों ने शरण ली थी। इन  शिविरों में खाद्य सामग्री जैसे आटा  दाल  चावल  नमक  खाद्य तेल तथा अन्य जरुरी दैनिक वस्तुयें जैसे दूध आलू  चीनी  साबुन  मसाला आदि उपलब्ध करायी गयी। इसके लिए 1 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि व्यय की गयी। इन शिविरों में 44 हजार से भी अधिक लोगों का नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। जनपद में उपलब्ध एम्बुलेंसो को शिविरवार सम्बद्ध किया गया। उस्मानी ने बताया कि आज मुजफ्फरनगर में एक शिविर में 191० तथा शामली जिले के 4 शिविरों में 2873  कुल 4783 व्यक्तियों को छोड़कर शेष को उनके निवास स्थानों पर पुनर्वासित किया जा चुका है। दंगे प्रभावित गांव में लौट रहे लोगों के सुरक्षा एवं आत्मविश्वास बनाये रखने के लिए पुलिस पिकेट एवं पेट्रोलिंग की विशेष व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि कुछ दंगा प्रभावित लोग अपने घर वापस नहीं जाना चाहते है। जिनमें मुजफ्फरनगर के गांव फुगाना  कुटवा  कुटवी  काकडा  मोहम्मदपुर रायसिंह और मुंडभर तथा जनपद शामली के गांव लिसाड़  लाक और बहावड़ी के लोग शामिल हैं। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने इन परिवारों को एक मुश्त धनराशि देते हुए अपनी स्वतंत्र इच्छा से किसी भी स्थान पर बसने के लिए सहायता दी जाय। इस प्रकार इन 9 गांवों के 1534 परिवारों के 85०० से अधिक सदस्यों को राज्य सरकार द्वारा 5-5 लाख रुपये प्रत्येक परिवार की दर से कुल 76.7० करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गयी। आर्थिक सहायता पाने वाले अधिकांश परिवार राहत शिविर छोड़कर अन्यत्र पुनस्र्थापित होने के लिए चले गये है। उन्होंने बताया कि इस समय 5 राहत शिविर अवशेष हैं। जनपद मुजफ्फरनगर के ग्राम लोई एवं जनपद शामली के मदरसा तैमूरशाह मलकपुर  बरनावी तथा ईदगाह कांधला में राहत शिविर स्थित है। लोई तथा मलकपुर के राहत शिविर सरकारी भूमि पर स्थित हैं। इस प्रकार इन शिविरों में वर्तमान में निवास कर रहे कुल लगभग 4783 लोगों के लिए आज भी प्रशासन द्वारा पूर्ण निष्ठा के साथ स्थानीय लोगों के सकारात्मक सहयोग के साथ राहत कार्य जारी है।

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