मुलायम का मुस्लिम कार्ड अखिलेश को पहुंचा सकता है विधानसभा चुनाव में नुकसान
समाजवादी पार्टी की कलह पर चुनाव आयोग ने सोमवार को निपटारा करते हुए अखिलेश यादव को विजेता भले ही घोषित कर दिया हो, लेकिन मुलायम सिंह यादव इतनी जल्दी से हार मानने वाले नहीं हैं। अब मुलायम सिंह यादव के कम ही विकल्प बचे हैं।
सपा की कमान अखिलेश यादव के हाथ में आ जाने के बाद मुलायम सिंह के पास तीन ही रास्ते बचे हैं।
पहला यह कि वो अदालत जाएं और चुनाव आयोग के फेसले के खिलाफ याचिका दायर करें। हालांकि इसकी संभावना कम ही नज़र आती है, क्योंकि चुनावों के लिये नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में कोर्ट इस मामले में दखल नहीं देना चाहेगा।
दूसरा विकल्प ये है कि वो बेटे को राष्ट्रीय अध्यक्ष मान लें और खुद मार्ग दर्शक की भूमिका निभाएं लेकिन मुलायम अभी सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।
तीसरा विकल्प ये हैं कि वो अलग पार्टी बनाकर बेटे के खिलाफ चुनाव लड़ें और अखिलेश को हराकर अपनी जीत तय करें। वे पहले ही कह चुके हैं को वो अखिलेश के खिलाफ भी चुनाव लड़ सकते हैं। चाहे वो किसी दूसरी पार्टी के चुनाव चिन्ह से ही क्यों न हो। उन्होंने लोकदल के अध्यक्ष सुनील सिंह से भी फोन पर बात की थी।
अखिलेश को सत्ता से हटाने के लिए मुलायम पहले ही मुस्लिम कार्ड खेल चुके हैं। वह जनमत में अखिलेश को मुस्लिम विरोधी दिखा चुके हैं और आने वाले समय में यादव-मुस्लिम वोट को हथियाने के लिये रणनीति भी बना सकते हैं।हाल ही में मुलायम ने कहा था,”मैंने मुसलमानों के लिए जिया है और मैं उनके लिए मरुंगा। अगर मुस्लिम हितों की बात आती है तो मैं अखिलेश से भी लड़ूंगा।’