पटना [राज्य ब्यूरो]। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सूबे के मुख्यमंत्री व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को लखनऊ आने का न्योता दिया है। सपा प्रमुख ने गुरुवार को देर शाम खुद नीतीश कुमार को फोन करके 5 नवंबर को लखनऊ में प्रस्तावित सपा के रजत जयंती समारोह में आने का निमंत्रण दिया, लेकिन नीतीश कुमार ने फैसला किया है कि वो सपा की रैली में नहीं जाएंगे।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता केसी त्यागी ने स्वीकार किया है कि मुलायम ने नीतीश को फोन किया है।
यूपी चुनाव के लिए जदयू से तालमेल कर चुके राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष अजीत सिंह भी समारोह में मौजूद रहेंगे। जदयू की ओर से बातचीत का विस्तृत ब्योरा नहीं दिया गया है, लेकिन शीर्ष स्तर की पहल से दोनों दलों में तालमेल की संभावना बढ़ गई है।
नीतीश का रूख भी सकारात्मक बताया जा रहा था, लेकिन आज इसपर विराम लग गया। नीतीश कुमार अब सपा की रैली में लखनऊ नहीं जाएंगे। शरद यादव के लखनऊ जाने का कार्यक्रम दिन में ही तय हो गया था। शाम में मुलायम के फोन आने के बाद जदयू ने थोड़ा और नरमी का संकेत दिया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विकास रथ की रवानगी के मौके पर सपा परिवार में दिखी एकता से जदयू उत्साहित है।
जदयू ने पूर्व में घोषणा की थी कि सपा के अंदर जारी कलह के कारण उसके कोई नेता रजत जयंती समारोह में शामिल नहीं होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि अब चूंकि सपा का विवाद सुलझ गया है तो हमें समारोह में शामिल होने से कोई परहेज नहीं है।
केसी त्यागी ने कहा कि हम सपा में बन गए दो खेमों में से किसी एक का पक्ष लेना नहीं चाहते थे। लेकिन अब वैसी स्थिति नहीं रही। उन्होंने कहा कि अगर सपा की ओर से यूपी चुनाव के लिए गठबंधन, मोर्चा या मर्जर का आफर आया तो हम रिस्पांड करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि यह आफर पिछले सप्ताह शरद यादव से मुलाकात के दौरान सपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव दे चुके हैं, उन्होंने कहा कि वह बंद कमरे में दो नेताओं के बीच हुई बातचीत थी।
हमारा मानना है कि यूपी में सपा सबसे बड़ी पार्टी है और मुलायम सबसे सीनियर हैं। ऐसे में उनकी ओर से विधिवत पहल होनी चाहिए।
त्यागी ने कहा कि यूपी में भी भाजपा के खिलाफ बिहार की तर्ज पर महागठबंधन बनाने के हम पक्ष में हैं। हमारी इच्छा है कि इस महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस भी बने। बताते चलें कि दो दिन पूर्व कांग्रेस की चुनावी रणनीति बनाने में लगे प्रशांत किशोर की अमर सिंह की मौजूदगी में मुलायम से बातचीत हुई है।
यह पूछे जाने पर कि गठबंधन की सूरत में सीटों का बंटवारा किस प्रकार होगा, त्यागी ने कहा कि बिहार में हमने महागठबंधन बनाने के लिए 40 सीटों की कुर्बानी दी थी। यूपी में भी बड़ी पार्टी को यह कुर्बानी देनी होगी। उन्होंने कहा कि पिछले दो-ढाई सालों में यूपी का माहौल बहुत संवेदनशील हो चुका है।
यूपी सांप्रदायिकता की प्रयोगशाला बन चुकी है। ऐसे में भाजपा के खिलाफ किसी भी प्रभावी मुहिम का हिस्सा बनने को हम तैयार हैं।
कहा केसी त्यागी ने –
”छह समाजवादी दलों के विलय की बात पक्की होने के बावजूद मुलायम सिंह यादव पीछे हट गए थे। हम पुरानी तल्खी भूलने को तैयार हैं। सपा की ओर से मोर्चा या गठबंधन बनाने या फिर विलय करने का कोई प्रस्ताव आएगा तो हम उसका स्वागत करेंगे।