एजेंसी/सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री नहीं बन पाने का मलाल है। बुधवार को उनके मन की यह टीस साफ तौर पर झलकी। मौका था उप्र ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में आयोजित समारोह का।
मेडिकल छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए सपा मुखिया ने कहा कि अच्छा ही रहा कि प्रधानमंत्री नहीं बन पाए। अगर प्रधानमंत्री बन जाते तो लोगों से मिलने में कठिनाई होती। एसपीजी वाले हर समय उन्हें घेरे रहते।
उन्होंने कहा कि हम चर्चा, पर्चा और खर्चा में यकीन रखने वाले हैं। सियासी विरोधियों ने डाकुओं के संरक्षक के तौर पर बदनाम किया। इसके बाद भी जनता साथ रही और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, एक बार रक्षा मंत्री और एक बार प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए ।
इस दौरान सपा मुखिया ने राज्यसभा एवं विधानपरिषद के लिए जारी सूची पर किसी तरह की बात करने के इनकार कर दिया। अमर सिंह से जुड़े सवाल को भी मुस्कुराते हुए टाल गए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते वक्त तमाम लोग कर्नाटक से मेडिकल की पढ़ाई के लिए सिफारिशी पत्र लिखवाते थे। उसी दौरान तय किया था कि सिफारिशी पत्र की जगह क्यों न सैफई में मेडिकल कालेज की स्थापना करें। अब यह सपना साकार होता नजर आ रहा है।
उन्होंने मेडिकल कालेज के लिए जमीन देने वाले किसानों का आभार जताया। सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए कहा कि अखिलेश सरकार ने चार साल में बहुत काम किया है।