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मूक-बधिर युवती का धूमधाम से कराया विवाह

good_marrige_20161027_85117_27_10_2016अंबिकापुर। पांच बरस की आयु में ही माता-पिता को खो चुकी मूक बधिर बालिका ने उर्सूलाइन सिस्टर्स के सानिध्य में कदम आगे बढ़ाया। पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होने के काबिल बनी। उर्सूलाइन सिस्टर्स ने सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर त्याग, सेवा, समर्पण की अनूठी मिशाल पेश करते हुए मूक बधिर बालिका के लिए सुयोग्य जीवन साथी चुनकर उसका विवाह कर दिया।

अंबिकापुर के उर्सूलाइन स्कूल परिसर में अनाथ मूक बधिर वधू के विवाह के साथ दांपत्य जोड़े को काफी संख्या में लोगों को आशीर्वाद दिया। सभी ने नवदंपती के सफल वैवाहिक जीवन और खूशहाली की कामना कर शुभकामनाएं दी। इस अनूठे विवाह में शामिल होने बेल्जियम से भी इसाई समाज के लोग अंबिकापुर पहुंचे।

अंबिकापुर के उर्सूलाइन स्कूल परिसर में उमंग व उल्लासपूर्ण वातावरण के बीच धूमधाम से मूक बधिर सुनीता टेटे 24 वर्ष का विवाह संपन्न हुआ। उसने झारखंड के सिमडेगा निवासी मनीष किंडो के साथ सामाजिक रीति, रिवाज व परंपरानुसार विवाह किया। इस विवाह में हजारों की तादाद में सिस्टर्स व सामाजिक लोग शामिल हुए। दरअसल यह विवाह एक ऐसी मूक बधिर युवती का था, जिसने पांच बरस की आयु में ही माता-पिता को खो दिया था।

बचपन में ही जीवन के कठिन संघर्ष की स्थिति में उसे सहारा मिला था उर्सूलाइन सिस्टर्सों से। बताया गया कि झारखंड के सिमडेगा जिलांतर्गत ग्राम समडेगा निवासी सुनीता टेटे बचपन से ही न बोल सकती थी और न ही सुन सकती थी। ऐसे में उसे सहारा दिया था अंबिकापुर उर्सूलाइन की तत्कालीन प्रोविंसियल सिस्टर फिलोमिना जार्ज ने। पांच बरस की आयु से मूक बधिर सुनीता, उर्सूलाइन के सिस्टरों के सानिध्य में रही।

अंबिकापुर से 12 वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद दो वर्षों तक उसने रायपुर में फाइन आर्ट व सिलाई का प्रशिक्षण लिया। कागज के टूकड़े पर कलम से लिखकर अपनी भावनाएं व्यक्त करने वाली सुनीता ने लगभग दो दशक सिस्टरों के साथ बिताया,लेकिन सिस्टरों ने नैतिक व सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए सुनीता के आगे की खुशहाल जिंदगी के लिए अपने स्तर से सुयोग्य वर ढूंढना शुरू किया। सेंट जार्ज स्कूल रांची से बीकाम तक की पढ़ाई करने वाले सिमडेगा के मनीष किंडो 25 वर्ष के संबंध में उन्हें जानकारी लगी तो सिस्टरों ने ही व्यक्तिगत प्रयास कर रिश्ता तय करने कदम बढ़ाया। मनीष किंडो भी बधिर है। उसके परिवार के सदस्यों ने भी विवाह के लिए हामी भर दी। ऐसे में अंबिकापुर उर्सूलाइन स्कूल परिसर में सबकी लाडली सुनीता के विवाह की रश्म हजारों लोगों की मौजूदगी में पूरी की गई।

उर्सूलाइन की प्रोवेंसियल उर्सूला खलखो के अलावा सिस्टर फिलोमिना जार्ज, सि. निलिमा, सि. सुनीला, सि. वेरोनिका के अलावा जिला उपभोक्ता फोरम पूर्व सदस्य असफाक अली सहित बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया। दो दिनों तक उर्सूलाइन स्कूल परिसर में विवाह की धूम मची रही। इस अनूठी शादी में शामिल होने बेल्जियम से भी समाज के लोग पहुंचे।

शहरवासियों ने भी वर-वधू को नवदांपत्य जीवन व खुशहाली के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। इस अनूठे विवाह के कारण उर्सूलाइन प्रोवेंसियल, स्कूल, छात्रावास में भी उमंग व उल्लास का माहौल बना रहा। विदाई की बेला में सबके सहयोग से घरेलू उपयोग की सारी सामग्री भी नवदंपत्ति को दी गई। दो दशक तक जिन सिस्टरों के साथ मूक-बधिर सुनीता ने अपना समय गुजारा उन सिस्टरों की आंखे भी उसकी विदाई की बेला में नम हो गई।

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