मेरी लड़ाई अमिताभ से नहीं जया बच्चन से: अमर सिंह
दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मौलाना सुब्हान रजा खां की मौजूदगी में हास्पिटल की संगे बुनियाद रखने से पहले अमर सिंह ने मंच से कहा कि मुस्लिमों की बात आज इसलिए नहीं सुनी जाती क्योंकि उनकी मुखालफत और हिमायत दोनों ही अंधी हैं। उनको बीच का रास्ता निकालना होगा। बसपा का नाम लिए बिना कहा कि एक दल की नेता कहती हैं- यूपी में सरकार हमारी बनेगी। उन्होंने सियासत में तीन बार कबूल बोला और बहन बनकर भाई को राखी बांधी। ये राखी का बंधन है, कभी नहीं छूटेगा फिर भी खुद को सेक्यूलर मानती हैं। अमर सिंह ने कहा कि भाजपा के लोगों का चरित्र तो देखिए, केंद्र में तालीम की वजीर मोहतरमा स्मृति ईरानी पहले मोदी हटाओ का नारा लगाकर धरने पर बैठी थीं, अब उनकी बगलगीर बनी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन मेरे बच्चों जैसे हैं और मेरा मतभेद अमिताभ से नहीं जया बच्चन से था, जो दूर हो चुका है, इसलिए अब उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल को लेकर किए गए सवालों पर भी उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार किया। भविष्य के सियासी कदम पर बोले- 40 साल सियासत के बाद फिलहाल बच्चों के साथ खुश हूं। हास्पिटल के संगे बुनियाद कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोध कांत सहाय, हास्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर और आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां, सपा जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव, कांग्रेस नेता नवाब मुजाहिद खां, हुदैदिया कमेटी के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. एसई हुदा, डॉ. नफीस खां, मुनीर इदरीसी, अफजाल बेग, नदीम खां आदि मौजूद रहे।