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मैं जिंदा हूं! प्रशासन ने जीवित व्यक्ति को बना दिया मृत, उसे ही फोन कर मृत्यु प्रमाण पत्र ले जाने के लिए कहा

महाराष्ट्र के ठाणे में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। साथ ही यह कोविड-19 मामलों में सामने आ रही लापरवाही की भी नजीर है। दरअसल एक शख्स को प्रशासन ने मृत घोषित कर दिया और उसी व्यक्ति को फोन करके कहा कि आपका मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार है आप आकर इसे ले जा सकते हैं। जरा सोचिए एक जिंदा व्यक्ति को अपने ही मरने की खबर सुनकर कैसा लगा होगा।

महाराष्ट्र के ठाणे में 55 वर्षीय शिक्षक को उस वक्त झटका लगा जब इस सप्ताह की शुरूआत में उनके पास ठाणे नगर निगम से एक फोन आया। फोन करने वाले ने उन्हें कहा कि उनका मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार है और वह आकर इसे ले जाए।

अधिकारी ने बताया कि अप्रैल में उनकी मृत्यु हो गई

शहर के निवासी चंद्रशेखर देसाई जब टीएमसी कार्यालय गए, तो उन्हें कथित तौर पर एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 22 अप्रैल, 2021 को उनकी ’मृत्यु’ हो गई थी।

कोरोना संक्रमित हुए, प्रशासन ने मृत घोषित किया

मृत्यु प्रमाण पत्र में उल्लेख किया गया है कि वह दस महीने पहले एक कोविड रोगी थे। इस घटना से हतप्रभ देसाई ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि वह वास्तव में अक्टूबर 2020 में कोरोना संक्रमित हुए थे, लेकिन घर में पृथक-वास करके वह ठीक हो गए थे। हालांकि प्रशासन ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

स्कूल शिक्षक हैं देसाई

निगम अधिकारियों से इस संबंध में कई बार प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए। उन्होंने कहा कि इस घटना से मैं और मेरे परिवार को झटका लगा है। उन्होंने कहा कि इस गलती को जल्द से जल्द ठीक नहीं किया गया तो मैं मुश्किल में पड़ सकता हूं। देसाई घाटकोपर की एक स्कूल में शिक्षक हैं।

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