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नई दिल्ली : कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने संसद में पंजाब के मोगा बस कांड का मुद्दा उठाते हुए संबंधित बस मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। विपक्ष ने अकाली दल-भाजपा सरकार को बर्खास्त कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। लोकसभा में कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि मोगा में चलती बस में छेड़छाड़ की शिकार किशोरी को बस से धक्का दिए जाने और बाद में उसकी मौत होने की जो घटना हुई है वह प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था का परिणाम है। संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि नियमों के अनुसार एक ही सत्र में एक मुद्दे को दो बार नहीं उठाया जा सकता और सदन में यह मुद्दा पहले ही उठ चुका है। पर अमरिंदर ने बात जारी रखते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत यह है कि पुलिसकर्मी तक सुरक्षित नहीं हैं। बसें लोगों को रौंद रही हैं लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इस दौरान अकाली दल के सदस्यों अमरिंदर के आरोपों का विरोध किया।
राज्यसभा में मंगलवार को मोगा कांड पर विपक्ष के हंगामे के कारण शून्यकाल में कार्यवाही दस-दस मिनट के लिए दो बार स्थगित की गई। हंगामे के कारण उपसभापति ने दोपहर 11.26 बजे सदन की बैठक दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। शून्यकाल शुरू होते ही कांगे्रस की अंबिका सोनी, अश्विनी कुमार और आनंद शर्मा ने कहा यह बेहद गंभीर एवं चिंताजनक मामला है। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस मामले में शामिल बस राज्य सरकार से जुड़े लोगों की है। जो लोग सरकार चला रहे हैं, वही इस बस कंपनी के मालिकों में शामिल हैं। उन्होंने बस मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की। बसपा प्रमुख मायावती ने पंजाब सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की।