जीवनशैली
मोटापा के साथ तनाव की भी कर देता है ये आसन

तमाम कोशिशों के बावजूद अगर आप अपना वजन कम नहीं कर पा रहे हैं और जिसकी वजह से अब आपको तनाव होने लगा है तो ये आसन आपकी मदद कर सकता है। जी हां ये आसन करने में बेहद आसान है और इसे करने से आपका तनाव छूमंतर हो जाता है। आइए जानते हैं कौन सा है ये आसन और कैसे किया जाता है।
पेट की चर्बी से छुटकारा चाहते हैं तो नियमित तौर पर बालासन का अभ्यास करें। बालासन में हम एक शिशु की तरह वज्र आसन लेकर हाथों और शरीर को आगे की ओर झुकाते है। यह आसन बेहद आसान जरूर है मगर काफी लाभदायक भी है। पेट और जांघ की चर्बी कम करने और शरीर का रक्त संचार बढ़ाने के लिहाज से यह अच्छा आसन है।कमर की मांसपेशियों को आराम देता है और ये आसन कब्ज को भी दूर करता है। मन को शांत करने वाला ये आसन तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।इस आसन के अभ्यास के लिए सबसे पहले मैट पर घुटने के बल बैठ जाएं और कमर बिल्कुल सीधे रखें।

बालासन करने की प्रक्रिया
-सबसे पहले गहरी सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को सामने की ओर झुकाएं। दोनों हाथ पीछे की ओर रखें और कोशिश करें कि सिर सामने जमीन को छुए।
-अपनी एड़ियों पर बैठ जाएँ,कूल्हों पर एड़ी को रखें,आगे की ओर झुके और माथे को जमीन पर लगाये।
-हाथों को शरीर के दोनों ओर से आगे की ओर बढ़ाते हुए जमीन पर रखें, हथेली आकाश की ओर (अगर ये आरामदायक ना हो तो आप एक हथेली के ऊपर दूसरी हथेली को रखकर माथे को आराम से रखें।)
-धीरे से छाती से जांघो पर दबाव दें।
-स्थिति को बनाये रखें।
-धीरे से उठकर एड़ी पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे सीधा करें। विश्राम करें।
-सबसे पहले गहरी सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को सामने की ओर झुकाएं। दोनों हाथ पीछे की ओर रखें और कोशिश करें कि सिर सामने जमीन को छुए।
-अपनी एड़ियों पर बैठ जाएँ,कूल्हों पर एड़ी को रखें,आगे की ओर झुके और माथे को जमीन पर लगाये।
-हाथों को शरीर के दोनों ओर से आगे की ओर बढ़ाते हुए जमीन पर रखें, हथेली आकाश की ओर (अगर ये आरामदायक ना हो तो आप एक हथेली के ऊपर दूसरी हथेली को रखकर माथे को आराम से रखें।)
-धीरे से छाती से जांघो पर दबाव दें।
-स्थिति को बनाये रखें।
-धीरे से उठकर एड़ी पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे सीधा करें। विश्राम करें।
बालासन के लाभ
-पीठ को आराम मिलता है।
-कब्ज से राहत दिलाता है।
-तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।
-पीठ को आराम मिलता है।
-कब्ज से राहत दिलाता है।
-तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।
इन लोगों को नहीं करना चाहिए बालासन
-यदि पीठ में दर्द हो या घुटने का ऑपरेशन हुआ हो तो अभ्यास न करें।
-गर्भवती महिलाएं शिशु आसन का अभ्यास ना करें।
-अभी आप दस्त से परेशान हो या हाल ही में ठीक हुए हो तो ये आसन न करें।
-यदि पीठ में दर्द हो या घुटने का ऑपरेशन हुआ हो तो अभ्यास न करें।
-गर्भवती महिलाएं शिशु आसन का अभ्यास ना करें।
-अभी आप दस्त से परेशान हो या हाल ही में ठीक हुए हो तो ये आसन न करें।