मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों पर फोकस किया गया है। यूपी से सबसे ज्यादा सात नेताओं का नाम शामिल है। प्रदेश के 7 सांसदों को नए मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। इनमें 6 लोकसभा के सदस्य हैं तो वहीं एक राज्यसभा के भी सदस्य शामिल हैं।ओबीसी और एससी पर भी फोकस किया गया है।
नए चेहरों में आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल, लखीमपुर खीरी से सांसद अजय मिश्र टेनी, राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा, मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर, जालौन से सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा, बीजेपी की सहयोगी अपना दल की मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल, महाराजगंज से छठी बार सांसद बने पंकज चौधरी का नाम शामिल है। विस्तार में चुनाव से पहले जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की गई है।
प्रो. एसपी सिंह बघेल चौथी बार लोकसभा के सदस्य 2019 में चुने गए थे, और एक बार राज्यसभा के भी सदस्य रह चुके हैं। 2017 में टूंडला सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, लेकिन 2019 में बीजेपी ने उन पर भरोसा जताते हुए आगरा से लोकसभा का टिकट दिया और वह चुनाव जीतकर सांसद बने।
बी एल वर्मा बीजेपी के बहुत पुराने कार्यकर्ता हैं और संगठन के माहिर माने जाते हैं। 2017 में जब बीजेपी सत्ता में आई तो उसके बाद उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाते हुए बीएल वर्मा को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया। फिर बीते साल हुए राज्य सभा के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर वह निर्विरोध राज्य सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। हाल ही में बीजेपी ने उन्हें ओबीसी मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है।
मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल की बेटी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं। कुछ दिन पहले जब उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की उसके बाद से यह कहा जा रहा था कि जब भी केंद्र में विस्तार होगा तो उन्हें जगह जरूर मिलेगी।