प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपनी कैबिनेट विस्तार को अमलीजामा पहना दिया है. इनमें नए 9 चेहरों को शामिल किया गया. इसके अलावा 4 मंत्रियों को तरक्की देकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. पिछले दिनों इसी मद्दे नजर कई मंत्रियों ने इस्तीफे दिए हैं.इसमें यूपी के ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले कलराज मिश्रा भी शामिल है, जिन्होंने अपने म जाने की बात कही जा रही है. ऐसा होता है तो कलराज मिश्रा को देवरिया लोकसभा सीट से भी इस्तीफा देना होगा. इस बहाने यूपी के विपक्ष को एक बड़ा मौका मिल सकता है, जहां अपनी सियासी ताकत को दोबारा से उभार सकें. खासकर BSP प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों अखिलेश यादव को.
महेंद्र के अध्यक्ष बनते ही चुनावी मोड में आई भाजपा, 2019 की तैयारियां शुरू
दरअसल योगी आदित्नाथ के यूपी के CM बनने के बाद गोरखपुर लोकसभा सीट और केशव मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद उनकी फूलपुर लोकसभा सीट खाली हो रही है. क्योंकि दोनों नेताओं को पार्टी MLC के जरिए सदन में ली रही है.
कलराज मिश्रा को अगर राज्यपाल बनाया जाता है, तो उन्हें भी अपनी सीट देवरिया छोड़नी पढ़ेगी. इस तरह तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे. बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी यूपी की 71 सीटों पर जीत का परचम लदरअसल लोकसभा 2014 और विधानसभा 2017 के चुनाव में करारी हार के बाद विपक्ष के लिए बड़ा मौका होगा. इस बीच माया-अखिलेश मिलकर उपचुनाव लड़ने की बात भी बार-बार उठती रही है. ऐसे में दोनों के बीच अगर समझौता होता तो ऐसे में बीजेपी के लिए जीतना टेढ़ी खीर साबित हो सकती है. इस तरह 2019 के लिए नरेंद्र मोदी और अमित शाह जो माहौल बनाने चाहते हैं, उनके लिए बड़ा झटका भी लग सकता है.