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मोदी सरकार का पंजाब को एक और झटका

pm modiजालंधर(धवन): केंद्र की राजग सरकार व पंजाब सरकार के बीच आपसी तालमेल की कमी लगातार बढ़ती जा रही है। केन्द्र ने पंजाब में फसल विविधिकरण के लिए दी जाने वाली वार्षिक ग्रांटों में 100 करोड़ रुपए की कटौती करके पंजाब सरकार को एक और झटका दिया है। इसके पहले भी पंजाब को वित्तीय पैकेज देने से केंद्र ने इंकार कर दिया था। केंद्र ने 19 जून को पंजाब को भेजे पत्र में कहा था कि वह फसल विविधिकरण प्रोजैक्ट के तहत प्राप्त होने वाली ग्रांटों में 50 प्रतिशत की कटौती कर दे। केंद्र ने पंजाब सरकार को इस योजना के तहत 250 करोड़ का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था पर अब राज्य को नए सिरे से 150 करोड़ का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया है। यह ग्रांट राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत भेजी जाती है। जैसा कि ज्ञात हुआ है, पंजाब सरकार ने फसल विविधिकरण योजना को लागू करने के लिए केंद्र से 5000 करोड़ रुपए का पैकेज मांगा था पर केंद्र उससे अपना पल्ला छुड़ाते हुए दिखाई दे रहा है। पंजाब ने गत वर्ष भी 1250 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था पर राज्य को केवल 155 करोड़ रुपए हासिल हुए थे।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चाहे 150 करोड़ रुपए के प्रस्ताव फिर से भेजे जा रहे हैं पर अब इतनी भी ग्रांट केन्द्र सरकार से प्राप्त हो जाएगी, यकीन नहीं है। अधिकारी अब यह महसूस कर रहे हैं कि ग्रांटों के मामले में पूर्व यू.पी.ए. सरकार ही पंजाब पर अधिक मेहरबान थी। पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह खुले दिल से राज्य को ग्रांटें देते थे पर मोदी सरकार के एजैंडे पर पंजाब दिखाई नहीं दे रहा है। अकाली नेतृत्व भी यह महसूस करता है कि राज्य को ग्रांटों के मामले में केंद्र से पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है। विभिन्न मुद्दों को लेकर आपसी टसल भी बढ़ रही है।

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