अद्धयात्म

मोदी सरकार गोवध प्रतिबंध पर लाएगी नया कानून?

cow3-1444369264स्तक टाइम्स/एजेंसी : गाय को भारतीय जनमानस में सदियों से माता तुल्य मान कर पूजा जाता रहा है। भारत के तत्व-द्रष्टा ऋषि-मुनियों ने हजारों साल पहले अपनी आध्यात्मिक शक्ति के बल पर यह जान लिया था कि गाय का सूक्ष्म शरीर पशु जगत में सबसे विकसित होता है।

नाना प्रकार के जीवों की लाखों योनियों को भोग कर एक आत्मा जब गाय के रूप में जन्म लेती है, तब वह अपने अगले जन्म में मनुष्य बनने की ओर अग्रसर होती है। अतः आध्यात्मिक रूप से आत्मा के स्तर पर गाय मनुष्य की पूर्वज है ऐसा भारत के मनीषियों का मत है।  

जहां एक ओर पश्चिम के प्रसिद्ध वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने अपने प्रयोगों से मनुष्य का क्रमिक विकास बंदर से होना सिद्ध किया था, वहीं दूसरी ओर भारत में हजारों वर्षो पूर्व बौद्ध संतों ने जाति-स्मरण अर्थात पिछले जन्‍मों की स्‍मृतियों में प्रवेश की विधि के द्वारा यह ज्ञान मनुष्य जाति को दिया कि कैसे उसकी आत्मा का विकास विभिन्न योनियों से जन्म लेते हुए हुआ।

जिन लोगों ने ध्यान की विधियों से पिछले जन्‍मों की स्‍मृतियों में प्रवेश किया उन्होंने यह पाया कि जहां उनके मनुष्य जन्मों की कड़ी का अंत हो रहा है वहां वह गाय की योनि में हैं।

इन आध्यात्मिक प्रयोगों से भारत के मनीषियों ने जाना की गाय मनुष्य की चेतना के स्तर पर पूर्वज है, ठीक उसी प्रकार जैसे पश्चिम का यह मत है कि बन्दर मनुष्य के शरीर के स्तर पर पूर्वज हैं। शायद इसी करण से सदियों से भारत में गाय को माता के समान आदर देकर पूजा जाता रहा है, क्योंकि गाय के शरीर में रह रही जीव-आत्मा अपने अगले जन्म में मनुष्य होने जा रही है, ऐसा हिन्दुओं का अखंड विश्वास रहा है

अभी पिछले दिनों उत्तर-प्रदेश के दादरी में गोवध की अफवाह पर हुई एक हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद यह सवाल आम-जनमानस के मन में उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार गोवध पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए कोई कड़ा कानून लाएगी?

भाजपा अपने घोषणा पत्र में दशकों से गोवध पर प्रतिबंध के लिए केंद्रीय कानून बनाने का वादा करती रही है। ज्योतिष के दृष्टिकोण से इसे देखें तो चंद्रमा के कारक तत्वों में गाय और दुग्ध उत्पादन से जुड़े कार्य आते हैं।

बलवान शुभ चंद्रमा की दशा जिस राष्ट्र, व्यक्ति या संगठन की कुंडली में आती है तो वह गोसेवा या दुग्ध उत्पादन में उन्नति-पूर्ण कार्य करने की संभावना रखता है। अभी पिछले 9 सितंबर से आजाद भारत की कुंडली में चंद्रमा की विंशोत्तरी महादशा शुरू हुई है जो कि अगले दस वर्षों तक चलेगी।

भारत की वृषभ लग्न की कुंडली में चन्द्रमा अपनी स्वराशि कर्क में हो कर गुरु से केंद्र में शुभ स्थिति में एक श्रेष्ठ गज-केसरी योग बना रहा है। यह एक अदभुत ज्योतिषीय संयोग है कि सत्ताधारी दल भाजपा और इसके नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में भी गज-केसरी योग बन रहा है।

भाजपा की मिथुन लग्न की कुंडली में चन्द्रमा वृश्चिक राशि में है तथा गुरु सिंह राशि में दूसरी ओर मोदी की वृश्चिक लग्न की कुंडली में चन्द्रमा लग्न में बैठा है और गुरु कुंभ राशि में उससे केंद्र में स्थिति है। प्रधानमंत्री मोदी चंद्र में शनि की कठिन दशा में चल रहे हैं।

किन्तु आजाद भारत की कुंडली में शुभ चंद्रमा की यह दशा इस बात के पूर्ण ज्योतिषीय संकेत दे रही है कि आगामी कुछ महीनों में गोवध प्रतिबंध पर एक देशव्यापी आंदोलन चलेगा जिसमें भाजपा के कुछ नेता बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।

इस आंदोलन के दबाव में मोदी सरकार को अगले 8 से 10 महीनों में सदन में गोवध प्रतिबंध पर एक नया कानून लाने पर मजबूर होना पड़ेगा। किन्तु इस कानून का जम्मू-कश्मीर, उत्तर-प्रदेश, पूर्वोत्तर के राज्यों और केरल में तीखा विरोध होगा जो कि वर्ष 2016 की पहली छमाही में मंगल-शनि की वृश्चिक में युति के बाद  कुछ हिंसक वारदातों और सांप्रदायिक तनाव को जन्म देगा।

किन्तु इन सब के बावजूद गोवध प्रतिबंध पर जागरूकता का एक लंबा दौर चलेगा और आने वाले वर्षों में चंद्रमा की विंशोत्तरी दशा के प्रभाव में भारत एक बड़ी दुग्ध क्रांति को जन्म देगा। गोवंश के संवर्धन के लिए केंद्र सरकार नई नीति लाएगी जो की देश में दुग्ध उत्पादन में अगले 2-4 वर्षों में  एक बड़ी क्रांति ला देगी।

 

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