ज्ञान भंडार

मोहाली बार्डर पर संघर्ष कर रहे किसान नेताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार

लुधियाना-एस ए एस नगर : गन्ने की फसल के बाकाया की अदायगी लेने की खातिर मोहाली- चंडीगढ़ बार्डर पर किसानों द्वारा लगाया गया धरना पुलिस ने ऊपरी आदेशों उपरांत कड़ा रूख अख्तियार करते हुए उठा दिया। इस दौरान धरने पर बैठे किसानों को गिरफ्तार करने के साथ-साथ उनके द्वारा लगाए गए शामियाना टैंटों और दरियों को भी जबरी समेट दिया गया। जिसके उपरांत 24 घंटे से बंद पड़ा मोहाली-चंडीगढ़ का रास्ता खोल दिया गया है। जिक्रयोग है कि पराली की समस्या और बाकाया की अदायगी को लेकर भारतीय किसान यूनियन राजेवाल और लखोवाल ग्रुप ने यहां पक्का मोर्चा शुरू किया था। यह भी पता चला है कि खरड़, समराला, लुधियाना और चंडीगढ़ समेत रोपड़ के आसपास के किसानों ने पूरी तैयारी की हुई थी। किसान अपने साथ राशन और खाने के सामान को ट्रेक्टर-ट्रालियों में भरकर लाए हुए थे। परंतु सरकार से बात सिरे ना चढ़ते देख इन्होंने वही टेंट लगाने शुरू कर दिए। इस दौरान लंगर बनना भी शुरू हो गया। रात को किसान खुले आसमां के नीचे सो गए जबकि पुलिस को यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए ट्रैफिक में बदलाव करना पड़ा। इस कारण कई लोग जाम में फंस गए। अधिक परेशानी स्कूली बच्चों और दफतर कार्यालय में जाने वाले लोगों को हो रही थी। जबकि किसान नेताओं ने ऐलान किया हुआ था कि जब तक किसानों के गन्ने के फसल की अदायगी 92 करोड़ रूपए जारी नहीं होती तब तक यह मोर्चा जारी रखा जांएगा।
फिलहाल पंजाब पुलिस की इस कार्यवाही के कारण किसान संगठन काफी रूष्ट नजर आएं। उनका कहना है कि अगली रणनीति के तहत इससे बड़ा संघर्ष करेंगे। जिक्रयोग है कि सोमवार भारतीय किसान यूनियन के प्रधान अजमेर सिंह लखोवाल की अगुवाई में 7 मजदूर किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने 21 सितंबर को सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह की पटियाला स्थित निजी आवास मोती महल का घेराव करने का ऐलान किया था। इसी संबंध में कूच करना था परंतु चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर बेरीकेड करके रोक लगा दी, जिसके बाद किसान वही धरने पर डटे हुए थे।

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