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मौका आया तो चूक गया ‘तेजस’ का निशाना
एजेन्सी/पोकरण।‘आयरन फिस्ट’ के दौरान तीन साल में दूसरी बार प्रदर्शन कर रहो स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस पर हालांकि राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री समेत सभी की नजरें थी, लेकिन शुक्रवार को तेजस निशाना चूक गया।
तेजस को आयरन फिस्ट के दौरान आसमान में फायर फ्लेयर के रूप में निर्धारित दुश्मन के काल्पनिक ठिकाने को निशाना बनाना था, लेकिन हाल ही में बहरीन के एयर-शो में प्रदर्शन कर दुनिया भर में सराहा गया यह स्वदेशी लड़ाकू विमान फायर फ्लेयर को नहीं छू पाया और अपनी सुपरसोनिक गति से उसके पास से निकल गया।
प्रतिरक्षा सूत्रों का कहना है कि आमतौर पर ऐसा हो जाता है। चूंकि अभ्यास के दौरान तेजस को आसमान में बनाई गई अग्नि रेखा (फायर फ्लेयर) को निशाना बनाना था और वह उसमें चूक गया, लेकिन इसी आधार पर तेजस को कमतर नहीं आंका जा सकता। युद्धाभ्यास में विमानों के प्रदर्शन के दौरान तेजस की इस चूक की समीक्षा की जाएगी। वैसे विमान की गति व छोड़ी गई फ्लेयर के समय में अंतर भी इसका एक कारण हो सकता है।
मिग की जगह लेनी है
तेजस को भारतीय वायुसेना के पुराने हो चुके मिग श्रेणी के लड़ाकू विमानों की जगह लेनी है। रक्षा मंत्रालय अपग्रेड किए जा रहे 103 तेजस विमानों को वायुसेना के बेड़े में शामिल करने पर विचार कर रहा है। वायुसेना तेजस के अपग्रेडेड विमान ‘तेजस मार्क-1 ए’ को विभिन्न कसौटियों पर परख रही है।
वायुसेना ने तेजस के मौजूदा स्वरूप में कुल 43 सुधार सुझाए हैं। इन्हीं सुधारों के आधार पर इस महीने के अन्त या अप्रैल के पहले सप्ताह में तेजस की अंतिम परीक्षा होनी है। तेजस सभी कसौटियों पर खरा उतरता है तो उसे मिग-21 व मिग-27 की जगह वायुसेना में शामिल किया जाएगा। मिग श्रेणी के ये दोनों प्रमुख विमान वर्ष 2022 तक वायुसेना बेड़े से रिटायर किए जाने हैं।