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युवराज ने पंजाब की टीम पर दिया बड़ा बयान

स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह का कहना है कि निजी और पेशेवर जिंदगी के बीच संतुलन बनाना बड़ा मुश्किल काम है। दोनों में सामंजस्य बैठाना कई बार कठिन हो जाता है, लेकिन समर्पित टीम की बदौलत इसे पटरी पर लाया जा सकता है। युवराज ने बताया कि मेरी सभी जिम्मेदारियों के साथ में मैं व्यवस्थित रहूं इसके लिए समर्पित टीम काम करती है। मैं जानता हूं कि मैं कितना खुशकिस्मत हूं। उनका कहना है कि उन्हें कोई शिकायत नहीं है। युवराज इन दिनों फॉर्म से जूझ रहे हैं। इसके चलते आइपीएल के पिछले मुकाबले में किंग्स इलेवन पंजाब ने उनकी जगह मनोज तिवारी को अंतिम-11 में खिलाया।

कैंसर से लड़ने के बाद युवी ने क्रिकेट की दुनिया में फिर से वापसी की थी, लेकिन उसके बाद से उनके प्रदर्शन में गिरावट आई है। युवाओं को प्रेरित करने के सवाल पर युवराज ने बताया कि जब मैं खेल रहा हूं तो मैं प्रेरित होने पर ध्यान देता हूं और प्रत्येक दिन को मैं ज्यादा से ज्यादा भुनाने के अवसर के रूप में देखता हूं। फैंस और समर्थकों के प्यार और शुभकामनाओं को पाकर सौभाग्यशाली मानता हूं।

आइपीएल में विदेशी खिलाड़ियों के खेलने से भारत के होम एडवांटेज को गंवाने के सवाल पर युवी का जवाब था, कि आइपीएल यह सोचकर शुरू किया गया था कि दुनिया की श्रेष्ठ क्रिकेटर एक साथ खेले और फैंस का मनोरंजन करें। इसलिए पिछले 11 वर्षो में देखने में आया है कि गैर भारतीय खिलाड़ी भारतीय उपमहाद्वीप की पिचों को बेहतर समझते हैं, लेकिन इसका उलटा भी हुआ है।

पैसे की कमी से गेल को खो चुकी होती किंग्स इलेवन पंजाब

आइपीएल 2018 में पंजाब की टीम की तरफ से खेल रहे तूफानी बल्लेबाज क्रिस गेल किस तरह से इस टीम का हिस्सा बने इसका रहस्योद्घाटन किया पंजाब फ्रेंचाइजी के सह मालिक नेस वाडिया ने। नेस ने बताया कि पंजाब टीम की किस्मत अच्छी थी कि उन्हें गेल मिल गए, वरना ऐसा भी हो सकता था कि वह इस बार किसी और टीम का हिस्सा होते।

आइपीएल-2018 की नीलामी में क्रिस गेल पहले दो राउंड ने नहीं बिके और आखिरी राउंड में उन्हें पंजाब ने उनके बेस प्राइस यानी दो करोड़ रुपये में खरीदा। नेस के मुताबिक उनके पास सिर्फ 2.1 करोड़ रुपये बचे थे। जब गेल का नाम आया तो उनकी तरफ से दो करोड़ की बोली लगाई गई और उनकी किस्मत अच्छी थी कि किसी और टीम ने गेल की बोली को और आगे नहीं बढ़ाया। अगर अन्य कोई टीम गेल को लेने में अपनी इच्छा जताती तो यह धाकड़ बल्लेबाज उनके हाथ से निकल जाता। शायद हमारी किस्मत अच्छी थी कि किसी और टीम ने गेल को खरीदने में अपनी रुचि नहीं दिखाई।

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