…यूं तो नहीं जाना था मेसी
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दस्तक ब्यूरो
दो सितंबर, 2011…भारतीय फुटबॉल के इतिहास में ये तारीख बेहद यादगार है। हो भी क्यों न, दुनिया के मौजूदा नंबर एक फुटबॉलर लियोन मेसी ने इसी दिन अर्जेंटीनी टीम के कप्तान के रूप में अपना स्वर्णिम सफर शुरू किया था, वो भी भारतीय फुटबॉल का मक्का कहे जाने वाले कोलकाता के साल्टलेक स्टेडियम से। लेकिन उन्हें अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को इस तरह अलविदा कहना पड़ेगा, इसकी किसी ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी। सोमवार सुबह कोलकाता के उन लाखों अर्जेंटीना व मेसी समर्थकों के लिए एक साथ दो-दो बुरी खबर लेकर आयी। पहली, कोपा अमेरिका कप के खिताबी मुकाबले में अर्जेंटीना की चिली से 2-4 से शिकस्त। दूसरी मेसी की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास की घोषणा। किसी ने भी नहीं सोचा था कि यह सुपरस्टार ऐसी आंसुओं भी विदाई लेगा। दरअसल, लगातार खिताबी मुकाबलों ने मेसी को इस फैसले के लिए मजबूर कर दिया, लेकिन उनके संन्यास के बाद आई प्रतिक्रियाएं बताती हैं कि वह आज भी अपने देश के हीरो हैं। कोलकाता से शुरू हुए स्वर्णिम सफर के इस अंजाम से कोलकाता के फुटबॉल प्रेमी स्तब्ध हैं। साल्टलेक स्टेडियम में पांच साल पहले हुए उस मैच के गवाह रहे एक प्रशंसक ने कहा, ‘मुझे वो मैच ताउम्र याद रहेगा। मेसी को अपनी आंखों के सामने खेलते देखना अविश्वसनीय था। मैं खुशनसीब हूं कि मुझे यह सुअवसर मिला, लेकिन इस बात का बेहद दुख भी हो रहा है कि अब मेसी को कभी भी सफेद-नीली जर्सी में खेलते नहीं देख पाऊंगा, टीवी पर भी नहीं।
मेसी की कप्तानी में खेले गए उस पहले मैच में अर्जेंटीना ने वेनेजुएला पर 1-0 गोल से जीत हासिल की थी। मेसी उस मैच में गोल तो नहीं दाग पाए थे लेकिन अपने खेल से महानगर के फुटबॉल प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। निकोलस ओटामेंडी ने हेडर से गोल करके अपनी टीम को जीत दिलाई थी।
मेसी के जबर्दस्त प्रशंसक सुमन सरकार ने कहा, ‘मेसी की एक झलक पाने के लिए मैं घंटों दमदम हवाई अडडे के बाहर खड़ा रहा था। मेसी ने हार के बाद भावनाओं में बहकर यह निर्णय लिया है। उन्हें अपने इस निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए क्योंकि राष्ट्रीय टीम को उनकी जरूरत है। दो साल बाद फिर से फुटबॉल विश्व कप है। मेसी के बिना उसे जीतना काफी मुश्किल होगा। बिरले ही खिलाड़ियों को यह किस्मत मिलती है कि उनके संन्यास को समाप्त करने के लिए पूरा देश एक सुर में आवाज लगा रहा हो। राष्ट्रपति भी उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कह चुके हैं। ल्ल