यूपी पुलिस के सिपाहियों की करतूत, मृतक की लाश गंगा में फेंककर घरवालों को दिखा दी दूसरे की चिता
एजेन्सी/ यूपी के भदोही के गोपीगंज में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। आरोप है कि चंद्रपुरा डोमनपुर में हत्या कर फेंके गए स्कार्पियो चालक के शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय पुलिस के सिपाहियों ने उसे गंगा में फेंक दिया। आरोप ये भी है कि सिपाहियों ने चालक के घर वालों को घाट पर जलाए गए दूसरे शव की राख दिखा दी।
पुलिस की इस कारगुजारी की जानकारी होने पर घरवालों ने तलाश की तो शव मिल गया। सूचना के बाद डीआईजी और एसपी भी पहुंचे। एसपी ने गोपीगंज थाने के दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया। मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंप दी।
बुधवार को मऊ के कोपागंज निवासी 35 वर्षीय युवक की लाश डोमनपुर में मिली थी। गले पर जख्म होने के कारण हत्या की आशंका जताई जा रही थी। शर्ट की कॉलर पर कोपागंज, मऊ का स्टीकर लगे होने की जानकारी घरवालों को मिली तो वे गुरुवार को गोपीगंज पहुंचे।
शिनाख्त भी नहीं की और नदी में बहा दी लाश
उधर, पुलिस ने शिनाख्त के लिए इंतजार किए बिना 24 घंटे के अंदर ही शव को गंगा में फेंक दिया। घर वाले पहुंचे तो बताया कि अंतिम संस्कार कर दिया गया है और जहांगीराबाद गंगा घाट पर एक चिता की राख दिखा दी। इसके बाद घर वालों ने चिता की राख ले ली और पुलिसकर्मी चले गए।
इसी बीच घाट पर एक महिला ने पुलिस की करतूत के बारे में दुखी परिवार को जानकारी दी। शव की तलाश की गई तो थोड़ी देर में वह गंगा में उतराता हुआ मिल गया। गुस्साए परिजन शव लेकर थाने की ओर बढ़े तो हंगामा होने की आशंका पर औराई और ऊंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई और उन्हें वहीं रोक दिया।
सूचना पर डीआईजी विंध्याचल रतन कुमार श्रीवास्तव और एसपी पीके मिश्र पहुंचे और परिजनों को समझाया। इस मामले में एसपी ने गोपीगंज थाने के दो सिपाहियों राजेंद्र मौर्या और राम सिंह को निलंबित कर दिया।