मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ के नाम पर मुहर लग चुकी है. इसी के साथ छिंदवाड़ा का विकास मॉडल भी चर्चा में आ गया है. चुनाव के पहले मध्य प्रदेश को छिंदवाड़ा मॉडल के रूप में विकसित करने के मुद्दे को कांग्रेस ने काफी प्रचारित किया था. आइए जानते हैं आखिर क्या है छिंदवाड़ा मॉडल…
छिंदवाड़ा. ये वो आदिवासी इलाका है जो कभी देश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता था. लेकिन आज छिंदवाड़ा के पास विकास का अपना मुकम्मल मॉडल है. जिसका श्रेय कमलनाथ को दिया जाता है. इस शहर में कमलनाथ ने ना केवल सड़कों का जाल बिछाया बल्कि शहर को एक एजुकेशन हब के तौर पर भी विकसित किया.
कहा जाता है कि कमलनाथ ने जिस भी मंत्रालय को संभाला उससे छिंदवाड़ा को कोई न कोई सौगात जरूर मिली है. आज छिंदवाड़ा से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं और वहां से दिल्ली के लिए सीधी रेल सेवा भी है.
यही नहीं, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज के अलावा फुटवेयर डिजाइन सेंटर, नॉलेज सिटी, 6 केंद्रीय विद्यालय, एक नवोदय स्कूल समेत ATDC, CII और NIIT जैसे बड़े स्किल सेंटर्स हैं.
उद्योगों की बात करें तो हिंदुस्तान यूनी लीवर, ब्रिटानिया, रेमंड, भंसाली समेत कई निजी कंपनियों ने जिले में उद्योग लगाए हैं. यस बैंक, स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक जैसे राष्ट्रीकृत बैंक छिंदवाडा में मौजूद हैं.
कमलनाथ हनुमान भक्त भी कहे जाते हैं. यही वजह है कि उन्होंने छिंदवाड़ा में 101 फीट की हनुमान मूर्ति लगवाई. जो एक मशहूर टूरिस्ट स्पॉट के रूप में पहचान बना चुकी है.
कमलनाथ की सबसे ख़ास बात यह भी है कि उनका कार्यालय और घर 24 घंटे कार्यकर्ताओं के लिए खुला रहता है. राजनीतिक में व्यस्तता के बावजूद वो अपने परिवार को समय देना नहीं भूलते. उनके बेटे नकुलनाथ और बकुलनाथ राजनीति से दूर हैं और व्यवसाय संभालते हैं
मालूम हो कि इन्हीं उपलब्धियों को लेकर कमलनाथ शिवराज सरकार पर वार करते रहे हैं. चुनाव के वक्त भी जो 40 सवाल कांग्रेस ने पूछे थे उनमें शिवराज से छिंदवाड़ा के विकास मॉडल की बराबरी करने की बात कही गई थी.