रंगराजन फार्मूले में बदलाव कर सकता है मंत्रालय
नयी दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय प्राकृतिक गैस मूल्य के रंगराजन फार्मूले में बदलाव पर विचार कर रहा है। मंत्रालय फार्मूले में इस तरह बदलाव करना चाहता है जिससे कि प्राकृतिक गैस के दाम भी ज्यादा नहीं बढ़ें और गैस उत्खनन कार्य में लगी कंपनियों के लिये प्रोत्साहन भी बना रहे। पेट्रोलियम मंत्रालय रंगराजन फार्मूले में बदलाव कर प्राकृतिक गैस के मूल्य में होने वाली वृद्धि को एक चौथाई कम करके उसे 6 से 6.5 डालर प्रति इकाई पर लाना चाहता है। मंत्रालय का मानना है कि रंगराजन फार्मूले में शामिल कुछ प्रावधानों की भारत में गैस मूल्य तय किये जाने के साथ कोई सार्थकता नहीं है इसलिये इन्हें हटा दिया जाना चाहिये। इस पूरे मामले से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी है। पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने प्राकृतिक गैस के दाम तय करने के लिये फार्मूला सुझाने के वास्ते रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और पिछली सरकार में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष रहे सी रंगराजन की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। समिति की सिफारिशों को संप्रग सरकार ने अधिसूचित भी कर दिया था लेकिन आम चुनाव के कारण इसपर अमल रोक दिया गया और नई सरकार ने इसे सितंबर अंत तक स्थगित कर दिया। सूत्र के अनुसार इस फार्मूले में जापान का आयात मूल्य भी शामिल किया गया है जबकि जापान गैस का उत्पादक देश नहीं है। इसके अलावा इसमें यह भी गलत तरीके से मान लिया गया है कि ब्रिटेन और अमेरिका के खरीद केन्द्रों पर गैस का दाम उनके गैस कुओं के दाम के बराबर रहता है। इसमें देश में होने वाले छोटे-मोटे आयातों को भी बराबर भारांश दिया गया है जबकि मंत्रालय का मानना है कि विभिन्न केन्द्रों से होने वाले आयात के अनुसार फार्मूले में वजन दिया जाना चाहिये। मंत्रालय का मानना है कि इन सुधारों के साथ यदि रंगराजन फार्मूले को लागू किया जाता है कि तो इससे गैस का दाम 6 से 6.5 डालर प्रति एमएमबीटीयू तक बैठेगा। मंत्रालय को उम्मीद है कि यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भी मंजूर होगी और भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को भी यह स्वीकार्य होगा। हालांकि, बिजली क्षेत्र को इससे समस्या हो सकती है।