राष्ट्रीय

रंगे हाथों पकड़ा गया भ्रूण जांच कर रहा डॉक्टर दंपति

अलीगढ़ में एक डॉक्टर दंपति को राजस्थान सरकार की पीसीपीएनडीटी सेल के अधिकारियों ने गर्भवती महिला की भ्रूण की जांच करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। जिला प्रशासन का आरोप है कि बीजेपी विधायकों संजीव राजा और अनिल पारासर के दखल की वजह से पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी।
विधायकों ने सरकारी अधिकारियों को अल्ट्रासाउंड मशीन को जब्त करने से भी रोक दिया और डॉक्टर दंपत्ति को भी गिरफ्तार नहीं करने दिया। यहां तक कि अलीगढ़ के जिलाधिकारी ने विधायकों को समझाने की भी कोशिश की लेकिन वो नहीं माने।

पीसीपीएनडीटी टीम के अधिकारियों ने सोमवार को शहर के जीवन नर्सिंग होम में छापेमारी के बाद डॉक्टर जयंत और उनकी पत्नी को लिंग जांच करते पकड़ लिया। छापेमारी के बाद महिला अस्पताल से फरार हो गई। स्थानीय पुलिस डॉक्टर शर्मा को पकड़ कर अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ थाने ले आई।

डीएम के समझाने पर भी नहीं माने विधायक

 कुछ देर बाद ही बीजेपी के दो स्थानीय विधायक, एसपी सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट और अन्य अधिकारियों के साथ थाने पहुंच गए। जिलाधिकारी ऋषिकेश भास्कर यसूद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मैने अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दी है।

मैने विधायकों को समझाने की कोशिश की कि वो इस मामले में दखल न दें और टीम को अपना काम करने दें, लेकिन वो कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। यसूद ने कहा कि सेल के अधिकारियों ने हमसे मदद मांगी थी जिसके बाद मजिस्ट्रेट रैंक का एक अधिकारी उनके साथ भेजा गया था। छापेमारी के बाद उन्होंने डॉक्टर दंपति को रंगे हाथों लिंग जांच करते हुए पकड़ लिया। 

वहीं आरोपी विधायक अनिल पाराशर का कहना है कि हम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ में विश्वास करते हैं। डीएम ने इस मामले में गलत जानकारी दी है। हम इस मामले में सिर्फ निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे।

आरोपी डॉक्टर शर्मा ने खुद पर लगे आरोपों से साफ इंकार किया है। उनका कहना है कि वहां कुछ भी गलत नहीं हो रहा था, अधिकारी जबरन उनके नर्सिंग होम में घुसे और अल्ट्रासाउंड मशीन जब्त कर ली।

 

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