राष्ट्रीय
राउरकेला में फूलों का कारोबारी बनकर रह रहे थे आतंकी
दस्तक टाइम्स एजेंसी/बिजनौर में विस्फोट के बाद फरार आतंकी किसी भी शहर की आबोहवा में घुलने में माहिर हैं। ये आतंकी नाम व पते बदलकर माहौल से तालमेल बैठा लेते। कारोबार भी ऐसा बताते थे कि कोई उन पर शक न कर सके। बिजनौर में ये आतंकी एक फैक्ट्री में नौकरी करने की बात बताकर रह रहे थे।
वहीं ओडिशा के राउरकेला में आतंकी फूलों का कारोबारी बनकर पनाह लिए हुए थे। आतंकियों ने मकान स्वामी को भी अपने ऊपर जरा भी शक नहीं होने दिया।
राउरकेला में पकड़े गए आतंकी बेहद शातिर है। बिजनौर के मोहल्ला जाटान में लीला देवी के मकान में एजाजुद्दीन, महबूब व जाकिर हुसैन रहते थे। ये हिंदू इलाका है। भाटान के मुस्लिम इलाके में रईस के मकान में अमजद, असलम व सालिक रहते थे।
जाटान में रहन वाले आतंकी हिंदुओं की तरह पूजा करते और त्योहार मनाते थे। पड़ोस के लोगों को पूरा विश्वास हो गया था कि लीला के मकान में फैक्ट्री में नौकरी करने वाले हिंदू युवक रहते हैं।
हालांकि उनके कमरे पर भाटान में रहने वाले आतंकी भी आते-जाते थे पर सब सोचते थे कि ये सब आपस में दोस्त हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक ओडिशा के राउरकेला में आतंकी आटो चालक मोहम्मद उस्मान के मकान में फूलों का कारोबारी बनकर रहते थे।
वहीं ओडिशा के राउरकेला में आतंकी फूलों का कारोबारी बनकर पनाह लिए हुए थे। आतंकियों ने मकान स्वामी को भी अपने ऊपर जरा भी शक नहीं होने दिया।
राउरकेला में पकड़े गए आतंकी बेहद शातिर है। बिजनौर के मोहल्ला जाटान में लीला देवी के मकान में एजाजुद्दीन, महबूब व जाकिर हुसैन रहते थे। ये हिंदू इलाका है। भाटान के मुस्लिम इलाके में रईस के मकान में अमजद, असलम व सालिक रहते थे।
जाटान में रहन वाले आतंकी हिंदुओं की तरह पूजा करते और त्योहार मनाते थे। पड़ोस के लोगों को पूरा विश्वास हो गया था कि लीला के मकान में फैक्ट्री में नौकरी करने वाले हिंदू युवक रहते हैं।
हालांकि उनके कमरे पर भाटान में रहने वाले आतंकी भी आते-जाते थे पर सब सोचते थे कि ये सब आपस में दोस्त हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक ओडिशा के राउरकेला में आतंकी आटो चालक मोहम्मद उस्मान के मकान में फूलों का कारोबारी बनकर रहते थे।
मकान मालिक को आतंकियों ने बता रखा था कि वे दिल्ली से यह कारोबार करने आए हैं। रोजाना कलकत्ता से फूल लाकर राउरकेला में बेचते हैं। बिजनौर की ही तरह आतंकी सुबह को अपने घर से बैग लेकर निकलते थे और देर रात लौटते थे, ताकि किसी की उन पर नजर न पड़े।
करीब दो माह से आतंकी राउरकेला में पनाह लिए थे। खुफिया सूत्रों के मुताबिक लोकल की एक महिला के माध्यम से आतंकियों ने राउरकेला में मकान किराए पर लिया था। दिनभर आतंकी महबूब की मां नजमा घर पर रहती थी।
नजमा ने पड़ोस की एक महिला को अपनी बहन बना लिया। आतंकियों के घर से जाने के बाद नजमा का ज्यादातर समय पड़ोस की महिला के साथ कटता था। इस महिला को नजमा ने कभी शक नहीं होने दिया कि वह कौन हैं और किस मकसद से रुके हैं।
आतंकी कभी किसी महिला से नहीं मिलते थे। वे तो अपने मिशन में लगे रहते थे। आतंकियों के पास पैसा खूब रहता था, पर किसी की नजर पैसे पर नहीं गई और किसी ने यह सोचना उचित नहीं समझा कि फूलों का कारोबार करने वालों पर इतना धन कहां से आता है।
नजमा ने पड़ोस की एक महिला को अपनी बहन बना लिया। आतंकियों के घर से जाने के बाद नजमा का ज्यादातर समय पड़ोस की महिला के साथ कटता था। इस महिला को नजमा ने कभी शक नहीं होने दिया कि वह कौन हैं और किस मकसद से रुके हैं।
आतंकी कभी किसी महिला से नहीं मिलते थे। वे तो अपने मिशन में लगे रहते थे। आतंकियों के पास पैसा खूब रहता था, पर किसी की नजर पैसे पर नहीं गई और किसी ने यह सोचना उचित नहीं समझा कि फूलों का कारोबार करने वालों पर इतना धन कहां से आता है।