नई दिल्ली: दुर्गापूजा का समय चल रहा है। एक समय था कि बिहार में दुर्गापूजा के पंडालों के समीप राजनीतिक कार्टून की भरमार रहती थी। कुछ वर्ष पहले पटना के डाकबंगला चौराहे पर कार्टून के माध्यम से बिहार के राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी मिल जाती थी। राजनीतिक पार्टियों पर तीखे कटाक्ष करते कार्टून दिखते थे। बाहर से पटना मेला घूमने आए लोग इन कार्टूनों को अपने कैमरे में कैद कर लेते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। वजह ये है कि इस पर बैन लगा दिया गया। लेकिन इस साल दुर्गापूजा पोस्टर में माध्यम से राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साध रही है। राजधानी पटना में एक पोस्टर के माध्यम से राजद नेता ने तेजस्वी यादव को ‘भगवान श्रीराम’ के रूप में दिखाया है और बिहार के मुख्यमंत्री तथा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को रावण के रूप में। इस पोस्टर के माध्यम से 21 अक्टूबर से शुरू हो रहे ‘संविधान बचाओ यात्रा’ में शामिल होने की अपील भी की गई है। यह पोस्टर सोशल मीडिया से लेकर न्यूज रूम में चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन राजद नेता का यह कदम गठबंधन में शामिल कांग्रेस को रास नहीं आया। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई है। बता दें कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस और जदयू एक साथ महागठबंधन थी, लेकिन बाद में जदयू महागठबंधन से अलग हो एनडीए में शामिल हो गई। वहीं, कांग्रेस और राजद अभी भी एक साथ हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार के कांग्रेस प्रभारी मदन मोहन झा ने कहा, “यह बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि नीतीश कुमार सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं। यह सही तरीका नहीं है। हम ऐसे किसी पोस्टर को कभी स्वीकार नहीं कर सकते हैं।” वहीं, राज्यसभा सांसद और पार्टी के राज्य अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने भी इसपर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, “तेजस्वी राम हो सकते हैं, लेकिन किसी को रावण के रूप में दिखाना सही नहीं है।” वहीं, जदयू ने राजद को याद दिलाते हुए कहा कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में 22 से 80 पर पहुंचाने वाला चेहरा नीतीश कुमार का ही था। पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन कहते हैं, “आप राजद से क्या अपेक्षा कर सकते हैं? शायद वे 2015 के चुनाव को भूल गए जब राम (नीतीश कुमार) के चेहरे की वजह से ही राजद को 80 सीट मिले थे।” हालांकि, इस दुर्गापूजा में एक और पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है, जो कि कांग्रेस पार्टी के द्वारा लगाया गया है। इस पोस्टर में नरेंद्र मोदी के शासनकाल में बनने वाले 35 एयरपोर्ट का नाम और राफेल डील की सच्चाई बताने पर 5 करोड़ का ईनाम देने की बात कही गई है। राजधानी पटना में कई जगहों पर यह पोस्टर देखा गया। स्थानीय पार्टी नेता सिद्धार्थ क्षत्रिय और बेंकटेश रमन द्वारा लगाए गए इस पोस्टर को ‘पूजा धमाका’ के तहत एक ‘आॅफर’ बताया गया है। इस पोस्टर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, “शायद एक ही व्यक्ति है जो पांच करोड़ का यह इनाम जीत सकते हैं, वो हैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी। सभी को राफेल डील की सच्चाई की जानकारी है।” यूं कहें तो पंडालों में भले ही राजनीतिक कार्टून नहीं दिख रहा है, लेकिन दुर्गापूजा के मौके पर पोस्टर वार के जरिए एक दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है।