‘मैं यह काफी दुखी मन से लिख रही हूं, क्योंकि श्री को उनकी लाइफ के सबसे बुरे दिनों के बारे में सोचते हुए और उन दिनों को याद करके रोते हुए देखकर मैं टूट गई हूं। मैं प्रार्थना करती हूं कि जिन परिस्थितियों से हम या हमारी फैमिली गुजरी है, उसका सामना कोई और कभी न करे।’
उन्होंने अपने इस लेटर में साल 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस का जिक्र किया है, जिसमें पुलिस ने उनपर आरोप लगाया था कि बुकीज के साथ उनकी डील हुई थी, जिसके तहत मोहाली में श्रीसंत को एक खास ओवर में 14 या उससे ज्यादा रन देने थे और तौलिया लगाकर उन्हें बुकीज को सिग्नल देना था।
उन्होंने लिखा है कि जिन्हें भी क्रिकेट के बारे में जानकारी है उन्हें इस बात का भी पता होगा कि श्री पहले कुछ गेंदों पर रन नहीं देते थे और कोई ‘नो बॉल्स और वाइड बॉल्स’ भी नहीं फेंकते थे।
उन्होंने लिखा, ‘बैट्समैन ने 13 रन बनाए, क्योंकि वह शानदार बैट्समैन एडम गिलक्रिस्ट थे। आप यदि उस दिन का ऑडियो चेक करेंगे तो पाएंगे कि उस दिन हर एक बॉल की कमेंटेटर तारीफ कर रहे थे। कमेंटेटर्स कह रहे थे कि ऐसी गेंद पर केवल एडम गिलक्रिस्ट जैसे खिलाड़ी ही खेल सकते हैं।’
उन्होंने अपने इस लेटर में लिखा है कि हमेशा देने और दान करने में यकीन रखने वाले श्रीसंथ इस स्तर पर नहीं गिर सकते कि देश को शर्मिंदगी हो और महज कुछ रुपए के लिए वह अपने क्रिकेट के अपने करियर पर फुल स्टॉप नहीं लगा सकते। भुवनेश्वरी ने लिखा है कि बिना रिटर्न का सोचे श्री ने नि:स्वार्थ भावना से लोगों की मदद की है।
उन्होंने लिखा, ‘क्रिकेट एक ऐसा गेम है जिसमें ऐड लिमिट होती है और फिर भी उन्हें न्याय मिलने में देरी हो रही है। कोर्ट से क्लीन चिट मिलने की बजाया उल्टे बीसीसीआई ने उनका मैटर होल्ड पर रखा है।’
उन्होंने सवाल किया है कि आखिर उन्हें इसकी सजा क्यों मिल रही जो गलती उन्होंने की ही नहीं है। भुवनेश्वरी ने बीसीसीआई से यह निवेदन भी किया है कि उनकी जिंदगी क्रिकेट है और उन्हें इस जिंदगी को जीने दें।