रामनवमी के जुलूस पर भड़कीं ममता बनर्जी, बोलीं- धर्म के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं
कल 25 मार्च को रामनवमी के पर्व पर देशभर में कई तरह के आयोजन किए गए थे. कुछ जगहों पर लोगों ने जुलूस तथा शोभायात्राएं भी निकालीं. पश्चिम बंगाल में इसी तरह के एक धार्मिक जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने हथियारों का प्रदर्शन किया. इस जुलूस में कुछ लोगों ने हाथों में तलवार या पिस्तौल लेकर शक्ति प्रदर्शन किया. ये रैलियां बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों द्वारा निकाली गईं. एक जगह पर तो दोनों दलों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ भी गए. पुरुलिया में इस दौरान हुए संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी. इन हिंसक घटनाओं की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के निर्देश दिए हैं.
राम नवमी पर सशस्त्र रैलियां
पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर बीजेपी और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा रैलियों का आयोजन किया. इन रैलियों में खुलेआम शस्त्रों का प्रदर्शन किया गया था. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष खुद एक रैली में तलवार और गदा के साथ नजर आए. इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें शोभायात्रा के दौरान हथियार लेकर चलने पर कोई पाबंदी लगे होने के बारे में नहीं पता था. घोष ने कहा कि रामनवमी के दिन अस्त्र पूजा करना सदियों पुरानी हिंदू परंपरा है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘रामनवमी की शोभा यात्राओं में हथियारों पर पाबंदी लगाने का सरकारी आदेश कहां है? सर्कुलर कहां है?’
पुरुलिया जिले में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि विश्व हिंदू परिषद ने हथियारों से लैस होकर रामनवमी पर शोभा यात्रा निकाली जिसमें बच्चों के हाथों में भी हथियार देखे गए.
BJP-TMC में झड़प
जानकारी के मुताबिक, शनिवार (24 मार्च) की रात भाजपा के कार्यकर्ता रामनवमी के लिए पंडाल तैयार कर रहे थे, तभी कुछ असमाजिक तत्वों ने उनके ऊपर हमला कर दिया. इस हमले में भाजपा के चार कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गए. भाजपा ने इस घटना के लिए टीएमसी को जिम्मेदार बताया था.
पुरुलिया में हिंसा
पुरुलिया में रामनवमी के अवसर पर निकाली गई एक शोभायात्रा को लेकर दो समूहों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे. पुलिस ने बताया कि राज्य में सशस्त्र रैलियों पर पाबंदी के बावजूद कई जगहों पर बीजेपी समर्थकों ने सशस्त्र रैलियां निकालीं. पुरुलिया के पुलिस अधीक्षक जॉय बिस्वास ने झड़प में एक व्यक्ति के मारे जाने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि डिप्टी एसपी रैंक के एक पुलिस अधिकारी सहित पांच पुलिसकर्मी इस हिंसा में जख्मी हो गए. अर्शा पुलिस स्टेशन इलाके में रामनवमी के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा को लेकर दो समूहों के बीच हिंसा भड़की थी.
ममता ने की आलोचना
आरएसएस समर्थित संगठनों द्वारा राम नवमी की रैली में तलवार लहराने पर सूबे की मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी गुंडागर्दी की इजाजत नहीं दी जाएगी और न ही किसी को तलवारबाजी कर बाहुबल के जरिए इलाके में नियंत्रण की अनुमति होगी. जिलों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म के नाम पर गुंडागर्दी या किसी की हत्या को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
ममता बनर्जी ने कहा कि क्या कभी भगवान राम ने कहा कि उनके भक्त हथियार लेकर उनकी रैली में आएं. उन्होंने कहा कि कुछ असमाजिक तत्व भगवान राम के नाम को बदनाम कर रहे हैं. दीदी ने कहा कि उन्होंने राज्य में शांतिपूर्ण रैलियों की अनुमति दी थी, लेकिन कुछ लोगों ने कानून का उल्लंघन करते हुए गुंडागर्दी की. ऐसे लोगों को किसी भी कीमत नहीं बख्शा जाएगा.
डीजी को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने सर्तकता बढ़ाने और बम बनाने की गतिविधियां रोकने का पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं. खासतौर से बीरभूम जिले के संवेदनशील इलाकों में, जहां देसी बम बनाने संबंधी विस्फोट की घटनाएं हुई हैं. प्रशासनिक समीक्षा बैठक के दौरान ममता ने पुलिस से कहा, “कृपया ध्यान दीजिए. बम बनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. जो भी हथियार वहां हैं, उनका निस्तारण किया जाए.”