Lucknow News लखनऊState News- राज्य

राम कथा के चौथे दिन देवी महेश्वरी ने भक्तो को श्रीरामचन्द्र जी की महिमा से कराया रूबरु

विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान के तत्वावधान में cdri जानकीपुरम में चल रही श्री राम कथा के आज षष्ठम दिवस में देवी महेश्वरी जी ने राम विवाह के पश्चात सीता जी की विदाई का मार्मिक प्रसंग सुनाया जब श्री राम चारों भाइयों के साथ ब्याह कर अयोध्या वापस आते है चारो तरफ खुशियों की लहर झूम उठती है और राम जी के राज्याभिषेक की तैयारी होती है लेकिन लोगों को किसी की खुशियां अच्छी नही लगती भले ही वो किसी उच्च पद पर ही क्यों न हो देतवाओ के मन मे भय होता है कि अगर राम जी राजा बन गए तो राक्षसों का विनाश कैसे होगा.

राज्याभिषेक में बिघ्न डालने के लिए सरस्वती जी का सहारा लेते है तुलसी जी ने लिखा भी है ऊंच निवास नीच करतूती। देखि न सकय पराय विभूती।। कैकयी के द्वारा दशरथ जी से पुराने दो वर मांगे जाते है जिसमें राम को 14 वर्ष का वनवास और भरत का राज्याभिषेक राम जी वन को प्रस्थान करते है राम जी के वियोग में दसरथ जी का प्राणान्त हो जाता है , केवट प्रसंग में श्री राम ने ऊंच नीच भाव को समाज से खत्म करने का प्रयाश करते है केवट कहता है जो मर्म तीनो लोक के लोग न जान पाए उसे केवट जान गया उसके सर पे हाँथ रखकर अपने पैर धुलवाते है और फिर नदी पार करते है चित्रकूट में प्रस्थान और भरत जी राम जी को मनाने चित्रकूट जाते है ,और श्री राम के खड़ाऊ शीश पर रखकर अयोध्या वापस लौटकर उन्ही से राज्य का संचालन करते है देवी जी भरत राम जैसा भ्रातत्व अपनाने की शीख दी ।

भाई हो तो भरत जैसा जिसने अपने भाई के लिए अपने जीवन को खफा दिया जिसका सजीव झांकियो के माध्यम से चित्रण किया गया इस मौके पर कथा समिति के अध्यक्ष उत्तम मिश्र , उमेश गुप्ता सुरेश प्रसाद शाह , अनुभव गुप्ता डॉ राम प्रकाश , अरविंद शुक्ल राम कुमार लोधी राजीव शुक्ला अवनीश शुक्ला आदि भक्त गण मौजूद रहे और आज के मार्मिक प्रसंग को सुनकर सभी भक्त अपने अश्रु को रोक न पाये.

Related Articles

Back to top button