ज्ञान भंडार
रायपुर पर हमला करने वाले यूथ अकाली नेता समेत 4 गिरफ्तार
दस्तक टाइम्स/एजेंसी- पंजाब:
जालंधर । आदमपुर बेअदबी कांड के धरने में एसजीपीसी मेंबर परमजीत सिंह रायपुर पर कातिलाना हमला करने के मामले में पुलिस ने चार हमलावर पकड़े हैं। हमलावर यूथ अकाली दल आदमपुर का पूर्व प्रधान शरनजीत सिंह शैंकी, पत्रकार तरनजोत सिंह खालसा और कुलदीप सिंह को कोर्ट में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस ने इनके चौथे साथी गुरशरनजीत सिंह को भी पकड़ लिया है। पूछताछ में करीब 15 और हमलावरों के नाम सामने आए है। इन की गिरफ्तारी के लिए रेड की जा रही है। उधर, एक दिन का रिमांड खत्म हो जाने पर पाठी अवतार सिंह तारी और उसके भतीजे जीत पाल को कोर्ट में पेश कर दो दिन का और रिमांड पर लिया है।
पूछताछ में हमलावरों ने माना, गांव घड़ियाल में बेअदबी को लेकर उनके मन में गुस्सा था। धरने में वह मौजूद थे। इस बीच एसजीपीसी मेंबर रायपुर आ गए और उन्हें शांत रहने की बात की। यह बात सुनकर धरने पर बैठे साथी अापा खो बैठे और रायपुर पर हमला कर दिया। शरनजीत गांव मसानियां का रहने वाला है। वहीं तरनजोत खालसा एक पंजाबी अखबार का पत्रकार रह चुका है। गुरशरन और कुलदीप कोई काम नहीं करते है।
जालंधर । आदमपुर बेअदबी कांड के धरने में एसजीपीसी मेंबर परमजीत सिंह रायपुर पर कातिलाना हमला करने के मामले में पुलिस ने चार हमलावर पकड़े हैं। हमलावर यूथ अकाली दल आदमपुर का पूर्व प्रधान शरनजीत सिंह शैंकी, पत्रकार तरनजोत सिंह खालसा और कुलदीप सिंह को कोर्ट में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस ने इनके चौथे साथी गुरशरनजीत सिंह को भी पकड़ लिया है। पूछताछ में करीब 15 और हमलावरों के नाम सामने आए है। इन की गिरफ्तारी के लिए रेड की जा रही है। उधर, एक दिन का रिमांड खत्म हो जाने पर पाठी अवतार सिंह तारी और उसके भतीजे जीत पाल को कोर्ट में पेश कर दो दिन का और रिमांड पर लिया है।
पूछताछ में हमलावरों ने माना, गांव घड़ियाल में बेअदबी को लेकर उनके मन में गुस्सा था। धरने में वह मौजूद थे। इस बीच एसजीपीसी मेंबर रायपुर आ गए और उन्हें शांत रहने की बात की। यह बात सुनकर धरने पर बैठे साथी अापा खो बैठे और रायपुर पर हमला कर दिया। शरनजीत गांव मसानियां का रहने वाला है। वहीं तरनजोत खालसा एक पंजाबी अखबार का पत्रकार रह चुका है। गुरशरन और कुलदीप कोई काम नहीं करते है।
मक्कड़ ने कहा, नहीं हटेंगे जत्थेदार
डेरा सच्चा सौदा के मुखी गुरमीत सिंह राम रहीम के माफी मामले को लेकर पंथक संगठनों द्वारा श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह समेत सभी पांच जत्थेदारों को हटाए जाने को लेकर बनाए जा रहे दबाव और उसके बाद मीडिया में वैसी ही आ रही खबरों व कयासों को एसजीपीसी ने सिरे से खारिज कर दिया है।
कमेटी प्रधान जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ ने कहा कि जत्थेदार अपने पदों पर बने रहेंगे। उन्होंने सिंह साहिबान को भी कहा है कि वह संगत में विचरण करें। डेरा मुखी को माफी के बाद जत्थेदारों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए थे। दबाव इतना बढ़ा कि इस माफी को रद्द करना पड़ा, लेकिन संगत का गुस्सा कम नहीं हुआ। इसके मद्देनजर जत्थेदारों की सुरक्षा बढ़ाई गई। इसके बावजूद वह अपने घरों तथा ऑफिसों में कैद होकर रह गए हैं।
10 को सरबत खालसा
उधर ज्वाइंट अकाली दल समेत कई पंथक संगठनों ने 10 नवंबर को अमृतसर में सरबत खालसा बुलाया है। ज्वाइंट अकाली दल के प्रधान भाई मोहकम सिंह ने कहा है कि जत्थेदारों को हटाने, न हटाने, उनकी नियुक्ति तथा कार्यप्रणाली बारे सरबत खालसा में फैसला होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात के लिए बादल परिवार जिम्मेदार है और उसके पंथक मामलों में दखल को खत्म किया जाना लाजिमी है। शिअद (दिल्ली) के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने कहा है कि जत्थेदारों को तुरंत इस्तीफे दे देना चाहिए। उनको ही नहीं बल्कि मक्कड़ को भी हटाया जाना चाहिए ताकि गुरमत की समझ वाले पंथ परस्त जत्थेदार लगाए जा सकें।