उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर बनाए जाने वाले देवस्थानम बोर्ड को लेकर विरोध के सुर कम नहीं हो रहे हैं। सोमवार को हरिद्वार बाईपास रोड स्थित एक अपार्टमेंट में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश महाराज ने इसका विरोध जताया। उन्होंने कहा कि सरकार देवस्थानम बोर्ड के नाम पर पुरातन परंपराओं के साथ छेड़छाड कर रही है। बोर्ड के नाम पर रावल को व्यवस्थाओं में जकड़ा जा रहा है। गंगोत्री धाम की व्यवस्थाओं की राष्ट्रपति ने भी हमेशा सरहना की है।
अब सरकार विकास के नाम पर संत समाज व परंपराओं के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। केवल चारधाम के जुड़े संत ही नहीं बल्कि पूरा संत समाज इसका विरोध कर रहा है। हम विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन इस सबसे धर्म और परंपराओं की हानि नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे तीर्थ पुरोहित
बता दें कि तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी में हैं। इसके लिए वे हाल ही में राज्य सभा सदस्य और अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी से भी मिले थे। पुरोहितों का दावा है कि स्वामी ने तीर्थ पुरोहितों के हितों को ध्यान में रखते हुए याचिका दाखिल करने पर हामी भरी है।
बता दें कि कुछ समय पहले ही प्रदेश सरकार ने श्राइन बोर्ड की तर्ज पर प्रदेश में देवस्थानम अधिनियम लागू किया था। चारो धामों के तीर्थ पुरोहितों का संयुक्त मंच देवभूमि तीर्थ पुरोहित महापंचायत उस समय से ही विरोध में है।