तिरुवनंतपुरम । राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को यहां श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। राष्ट्रपति के साथ केरल की राज्यपाल शीला दीक्षित केरल के मंदिर मामलों के मंत्री वी.एस. शिवकुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी थे। इस दौरान उन्होंने केरल की पारंपरिक वेशभूषा में मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया। उन्होंने धोती पहन रखी थी और अपना पूरा शरीर ढंक रखा था। मंदिर के रिवाजों के अनुसार यहां प्रवेश करने वाले किसी भी पुरुष को ये परिधान पहनने पड़ते हैं। सर्वोच्च न्यायालय की ओर से नियुक्त समिति के सदस्यों ने यहां राष्ट्रपति मुखर्जी की अगवानी की। उन्होंने मंदिर में 45 मिनट तक वक्त बिताया। भगवान पद्मनाभन मंदिर के मुख्य देवता हैं। इसे देश का सबसे धनी हिंदू मंदिर बताया जाता है। इस दौरान पूर्व में मंदिर की देखरेख करने वाले त्रावणकोर राजघाराना परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। राज्य के दो दिवसीय दौरे के दौरान मंदिर में पूजा-अर्चना राष्ट्रपति मुखर्जी का अंतिम कार्यक्रम था। सर्वोच्च न्यायालय ने पद्मनाभन मंदिर का प्रशासन इस साल अप्रैल में एक स्थानीय न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति को सौंप दिया था। न्यायालय ने यह निर्णय वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम की इस रिपोर्ट पर दिया था कि शाही परिवार के नेतृत्व में मंदिर का प्रशासन ठीक ढंग से नहीं चल रहा।