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लंबे समय तक अटकने के बाद शुरू हुआ जयपुर का रिंग रोड प्रोजेक्ट: केंद्रीय मंत्री गडकरी

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि लंबे समय तक अटकने के बाद शुरू हुआ जयपुर का रिंग रोड प्रोजेक्ट अब पूरा हो गया है। इसका उद्घाटन 30 जनवरी को हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट लंबे समय तक अटका रहा, इसके बाद केंद्र सरकार ने तमाम मुश्किलों के बावजूद इसे पूरा कर लिया गया।

नई दिल्ली: दुनिया के सारे विकसित देशों में टोल की व्यवस्था है क्योंकि सरकार के पास इतना पैसा नहीं है कि वह एक साथ इतनी सड़क परियोजनाएं चला सके। इसलिए निजी क्षेत्र का सहयोग लेना पड़ता है। यदि टोल नहीं मिलता तो पैसे खर्च नहीं किए जा सकते हैं। अच्छी सड़कों के लिये टोल चुकाना ही होगा। यह कहना था केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का। उन्होंने मंगलवार (4 दिसंबर) को जयपुर में पत्रकार वार्ता की। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि लंबे समय तक अटकने के बाद शुरू हुआ जयपुर का रिंग रोड प्रोजेक्ट अब पूरा हो गया है। इसका उद्घाटन 30 जनवरी को हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट लंबे समय तक अटका रहा, इसके बाद केंद्र सरकार ने तमाम मुश्किलों के बावजूद इसे पूरा कर लिया गया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 30 जनवरी को या तो इसका उद्घाटन हो जाएगा या फिर इसका इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी जाएगी। 37 हजार करोड़ की इस परियोजना के तहत झालावाड़, बारां और कोटा की नदियों को आपस में जोड़कर नहर के जरिये इसके पानी को धौलपुर तक लाया जाएगा। फिर, इससे बड़ी नहरें निकालकर अलवर, भरतपुर, जयपुर, अजमेर, टोंक सवाईमाधोपुर और करौली समेत 13 जिलों में पानी पहुंचाया जाएगा। गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से इनके के बीच की दूरी 120 किलोमीटर कम हो जाएगी। एक्सप्रेस-वे गुरुग्राम के राजीव चैक से शुरू होकर मेवात-जयपुर रिंग रोड-कोटा-रतलाम-गोधरा-वडोदरा- सूरत-दहिसर होते हुए मुंबई में समाप्त होगा। यह सीमेंट कांक्रीट रोड होगा। गडकरी ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत अब तक 44 हजार करोड़ रुपए के काम शुरू हो चुके हैं।

भारतमाला प्रोजेक्ट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि साढ़े सात लाख करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। दिसंबर माह के अंत तक साढ़े छह हजार किलोमीटर सड़क का काम पूरा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 17 सड़कें ऐसी होंगी, जो सड़क और हवाई पट्टी दोनों का काम करेंगी। ऐसी छह-सात सड़कें राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी बनेंगी। गडकरी राजस्थान में पानी के प्रोजेक्टों पर भी बोले। उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल व सिंचाई की समस्या को दूर करने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। यमुना के पानी की हिस्सेदारी को लेकर 6 राज्यों में झगड़े चल रहे थे, हमने इनमें से 4 राज्यों के बीच सहमति बनवा दी। इसका सबसे ज्यादा फायदा राजस्थान को मिलेगा। उन्होंने बताया कि यमुना से मिलने वाला अतिरिक्त पानी कैनाल की जगह पाइपलाइन के जरिए सीकर, चूरू और झुंझुनूं को मिल सकेगा। इसके अलावा ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को भी केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। यमुना पर छह प्रोजेक्ट चल रहे हैं।

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