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लातूर को 3 दिन में मिलेगा ट्रेन से पानी, सूखाग्रस्त गांवों से पलायन बढ़ा, PM ने बुलाई बैठक
खास बातें
- महाराष्ट्र में प्यासे लातूर को पानी पिलाने, पानी एक्सप्रेस सांगली के मिरज पहुंच गई है। वैसे, लातूर को पानी के लिए अभी और इंतजार करना होगा, क्योंकि ट्रेन में स्रोत से पानी भरने के लिए पाइप लाइन का काम अभी शुरू हुआ है।
- उधर, सूखे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपात बैठक बुलाई और हाई लेवल रिव्यू के निर्देश दिए हैं। बुंदेलखंड, विदर्भ और मराठवाड़ा में सूखे के कारण स्थिति बहुत खराब है।
- दरअसल, पानी की इस जद्दोजहद के बीच सरकार यह भूल गई कि इसके लिए पानी के पाइपलाइन बिछाने का काम भी करना है। प्रशासन उम्मीद जता रहा है कि अगले तीन दिन में यह काम पूरा हो पाएगा और तब यह ट्रेन लातूर के लिए रवाना हो पाएगी।
- सरकार की योजना है कि ट्रेन के जरिये लातूर तक हर फेरी में 25 लाख लीटर पानी पहुंचाया जा सकेगा यानी प्यासे लातूर को अभी पानी के लिए कम से कम तीन और दिन का इंतज़ार करना होगा।
- मराठवाड़ा के सूखा ग्रस्त इलाकों खासकर नांदेड़ और लातूर से किसानों और खेतिहर मजदूरों का मुंबई आना शुरू हो गया है। ये लोग मुंबई के घाटकोपर के भेडवाड़ी में पिछले दो महीने से आकर रुके हैं। यहां ये लोग बेरोजगारी और मजदूरी कर अपना और परिवार को पेट पाल रहे हैं। रहने की जगह नहीं होने के कारण ये लोग खुले मैदान में ही रात बिताने को मजबूर हैं। पानी की कमी के कारण पिछले कई साल से ये लोग ऐसा ही कर रहे हैं। ये लोग वंजारा समाज के हैं, लेकिन इनमें से कई के पास अपनी जमीन भी है। महाराष्ट्र के PWD मंत्री एकनाथ शिंदे किसानों और परिवार वालों से मिले और मदद का भरोसा दिया
- वहीं सूखे की विकट स्थिति से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष :एनडीआरएफ: के तहत सूखा राहत के रूप में 1,303 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी, जबकि मनरेगा के तहत दिहाड़ी मजदूरी को बढ़ाकर 150 रुपये प्रति दिन कर दिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रदेश की स्थिति का जायजा लेने के बाद यह फैसला लिया गया।
- जल की उपलब्धता का आकलन करने और एकत्रित सूचना के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की टीम को पूरे देश में भेजा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने यह जानकारी दी। एक टीम को लातूर भी भेजा गया है।