राजनीति

लालू फैमिली का नीतीश के खिलाफ मोर्चा, कहा-तेजस्वी से ना इस्तीफा मांगा, ना सफाई

राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद अब एक बार फिर सभी की नज़रें बिहार में महागठबंधन के भविष्य पर टिक गई हैं. बुधवार को पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई और फिर ऐलान कर दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का इस्तीफा न मांगा है और न ही सफाई देने को कहा है.मीटिंग के बाद क्या बोले लालू

आरजेडी के 80 विधायकों के साथ बैठक के बाद लालू यादव ने मीडिया से कहा कि नीतीश ने तेजस्वी का इस्तीफा नहीं मांगा है और ना ही सफाई मांगी है. लालू ने कहा- जहां भी उन्हें और तेजस्वी को अपनी बात रखनी होगी वहां रखेंगे. लालू ने कहा कि नीतीश महागठबंधन की सरकार के नेता हैं. आरजेडी सरकार के हर कदम का सक्रिय समर्थन करेगी. आरजेडी विधायकों की बैठक की अध्यक्षता राबड़ी देवी ने की. आरजेडी ने साफ कर दिया कि विधान मंडल में तेजस्वी रहेंगे.

तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे: राबड़ी

विधायकों के साथ मीटिंग के बाद राबड़ी देवी ने कहा कि तेजस्वी यादव पर सारे आरोप झूठे हैं और वे इस्तीफा नहीं देंगे. राबड़ी देवी ने कहा कि बीजेपी हमें फंसाने की साजिश कर रही है. राबड़ी देवी ने बीजेपी नेता सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बाहरी व्यक्ति हैं उन्हें बिहार से कोई लेना-देना नहीं है. बाहरी लोग बिहार का विकास नहीं होने देना चाहते इसलिए हमारे काम में बाधा डालना चाहते हैं.

तेजस्वी यादव ने भी दी सफाई

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी इस्तीफे की बात से इनकार किया है. तेजस्वी ने कहा कि मुझसे कभी भी इस्तीफे के लिए नहीं पूछा गया. तेजस्वी ने बीजेपी-आरएसएस पर बिहार में महागठबंधन तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया. उन्होंने बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी को बाहरी बताते हुए कहा कि उन्हें बिहार के विकास और जनता की चिंता नहीं है.  

शिवानंद तिवारी ने नीतीश पर उठाए सवाल

इस बीच आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा है ”मैं नीतीश जी और भ्रष्टाचार पर उनकी जीरो टोलरेंस की नीति को 40 साल से जानता हूं. अगर गड़े मुर्दे उखड़ेंगे तो बाद आगे तक जाएगी.” इससे आगे बढ़कर शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश जी से हाथ जोड़कर बात करने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि अगर आपस में बात नहीं करेंगे तो गठबंधन कैसे चलेगा.

पुराने स्टैंड पर कायर रहेगी आरजेडी

विधायकों के साथ बैठक के बाद लालू ने साफ कर दिया कि आरजेडी अपने स्टैंड पर कायम रहेगी. पिछली मीटिंग में आरजेडी ने तेजस्वी के इस्तीफे से साफ इंकार कर दिया था.

दो दिन पहले नीतीश ने क्यों बुलाई बैठक?

पहले से कहा जा रहा था कि नीतीश राष्ट्रपति चुनाव के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. मंगलवार को दिल्ली से लौटने के बाद नीतीश ने बुधवार को ही बैठक बुला ली. पहले ये बैठक 28 जुलाई को होने वाली थी.

गौरतलब है कि 11 जुलाई को भी नीतीश के सरकारी आवास 1, अण्णे मार्ग पर जेडीयू के विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें इस बात को लेकर मांग उठी थी कि तेजस्वी यादव जिनके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहे हैं, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. हालांकि, उस दौरान ऐसी मांग को लेकर जल्दबाजी न करते हुए नीतीश ने तेजस्वी को अपने ऊपर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों का जनता के बीच में जवाब देने के लिए कहा था.

माना जा रहा है कि पिछले 15 दिनों में तेजस्वी की तरफ से संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं मिलने की वजह से बुधवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में एक बार फिर से तेजस्वी के ऊपर कड़ी कार्रवाई की मांग उठ सकती है. इस बैठक में इस बात को लेकर मांग उठने की संभावना है कि तेजस्वी पर नीतीश कुमार कोई ठोस निर्णय लें और उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें.

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