उन्होंने ट्वीट किया ‘मैंने और शरद यादव जी ने साथ लाठी खाई है, संघर्ष किया है। आज देश को फिर संघर्ष की जरूरत है। हमें शोषित और उत्पीडित वर्गों के लिए लड़ना होगा। गरीब, वंचित और किसान को संकट और आपदा से निकालने के लिए हम नया आंदोलन खड़ा करेंगे। शरद भाई,आइये सभी मिलकर दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूद करें।’
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लालू ने एक अन्य ट्वीट में कहा ‘गरीब, वंचित और उपेक्षित जमात के हकूक की खातिर हम वैचारिक रूप से साथ सभी सहयोगियों को लेकर खेत-खलिहान से लेकर सड़क व संसद तक संघर्ष करेंगे।’
लालू ने इससे पहले दावा किया कि नीतीश कुमार द्वारा विश्वास मत हासिल करने के बाद शरद ने उनको फोन किया और कहा कि वह हमारी पार्टी के साथ हैं।
वहीं जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के संस्थापकों में से एक वरिष्ठ नेता शरद यादव ने नीतीश के इस्तीफे से लेकर बहुमत परीक्षण तक चुप्पी साधी हुई है।
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गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से विपक्षी दलों से बातचीत का काम शरद यादव देख रह हैं। दलों से बातचीत में शरद ने कहा कि उनकी मुख्य लड़ाई बीजेपी से है।
कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के पद से इस्तीफा देकर बीजेपी के साथ सरकार बनाने के कदम का जेडीयू में ही तीखा विरोध हो रहा है। जेडीयू सांसद अली अनवर की ओर से खुलकर नीतीश कुमार के विरोध के बाद शरद यादव की भी नाराजगी सामने आ रही है। सूत्रों का कहना है कि शरद यादव नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने के फैसले से बेहद नाराज हैं।