टॉप न्यूज़दिल्लीफीचर्डब्रेकिंगराज्य

लॉकडाउन की शर्तों में नहीं मिलेगी कोई छूट, दिल्ली में हालात खराब: केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामले को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कोई भी छूट नहीं देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर दिल्ली में ढिलाई दी और स्थिति खराब हुई तो कभी खुद को माफ नहीं कर पाएंगे। हमने फैसला किया है दिल्ली वालों की जिंदगी का ध्यान रखते हुए कि फिलहाल लॉकडाउन की शर्तों में कोई ढिलाई नहीं दी जाएगी। एक हफ्ते बाद दोबारा स्थिति पर विचार करेंगे।

सीएम केजरीवाल ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि जो हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन है उनमें छूट फिलहाल नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वहां पर स्थिति खराब है। केंद्र सरकार के मुताबिक सभी कंटेनमेंट जोन में ढील नहीं दी जा सकती। दिल्ली में 11 जिले हैं और सभी 11 जिले हॉटस्पॉट घोषित हुए है।

लॉकडाउन में छूट दी तो बिगड़ सकते हैं हालात

सीएम ने कहा कि दिल्ली के 11 जिले हॉटस्पॉट घोषित किए गए हैं। यहां टेस्ट बढ़ा दिए गए हैं। शनिवार को 186 केस कोरोना पॉजिटिव निकले। किसी में भी कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे। एक संक्रमित सरकारी फूड सेंटर से खाना बांटता था। सरकारी फूड सेंटर में रैपिड टेस्ट होगा । दिल्ली में 77 कंटेंटमेंट जोन बनाए गए हैं। दिल्ली में 1900 केस है। 26 मरीज आईसीयू में ,6 वेंटिलेटर हैं जबकि 43 की मौत हो चुकी है। सीएम ने कहा कि मरकज से सबसे ज्यादा हालात दिल्ली के बिगड़े। लॉक डाउन से चीजें संभली हुई है । दिल्ली में फिलहाल लॉकडाउन की शर्तों में कोई छूट छूट दी तो स्थिति और खराब हो सकती है।

जहां लोग अनुशासन में नहीं रहे वहीं बढ़े कोरोना के मामलेः केजरीवाल

सीएम ने कहा कि आज 77 कन्टेनमेंट जोन बन गए हैं। हमने यहां रेंडम सेंपलिंग कराई। यह बात निकल आई कि जहां पर लोगों ने बात मानी और अनुशासन का पालन किया वहां पर एक भी मामला नहीं आया लेकिन जहां पर लोगों ने बात नहीं मानी और वह गलियों में निकल आए वहां कन्टेनमेंट जोन में नए मामले सामने आए। लोग एक दूसरे के घरों में जाते रहे। केजरीवाल ने जहांगीरपुरी का उदाहरण दिया। यहां पर एक ही परिवार के 26 केस सामने आए।

तेजी से बढ़ रहे मामले लेकिन हालात नियंत्रण मेंः केजरीवाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। स्थिति चिंताजनक है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। अगर 3000 लोगों को आईसीयू की जरूरत पड़ जाती दो ढाई हजार लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ जाती तो इतने तो हमारे पास हैं।

Related Articles

Back to top button