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मध्य प्रदेश में 16 दिसंबर से पहले करना होगा शपथ ग्रहण, यह है बड़ा कारण

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 230 में से 163 पर जीत दर्ज की। 16 दिसंबर से मलमास की शुरुआत हो रही है, ऐसे में इससे पहले सीएम और मंत्रियों को शपथ ग्रहण करना होगा। मध्य प्रदेश में चुनाव के दौरान भाजपा ने मुख्यमंत्री के रूप में कोई चेहरा सामने नहीं रखा था, यहां नरेन्द्र मोदी के फेस को ही सामने रखकर चुनाव लड़ा गया। अब चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद की रेस में शिवराज सिंह चौहान सहित कई नाम चल रहे हैं। भाजपा नेतृत्व जल्द ही इस पर फैसला लेने जा रहा है.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद सीएम बनने को लेकर पूछे गए सवाल पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं सीएम पद के बारे में नहीं सोचता, मेरी पार्टी तय करेगी कि कहां काम करना है। आईएनडीआइए गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्ष पीएम नरेन्द्र मोदी का मुकाबलना नहीं कर सकता, वे फिर प्रधानमंत्री बनेंगे। दक्षिण में भाजपा लगातार मजबूत हो रही है।

मध्य प्रदेश 15वीं विधानसभा का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है। उधर 16 दिसंबर से मलमास शुरू हो रहे हैं, जिसमें सभी मांगलिक कार्य रूक जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में 16वीं विधानसभा के लिए सीएम पद के लिए चेहरा तय जल्द ही शपथ ग्रहण हो सकता है।

मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत में लाड़ली बहना योजना का भी योगदान माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सभाओं में शिवराज सरकार के काम का उल्लेख किया था। इससे इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं वे चौथी बार सीएम बन सकते हैं।

भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार कोई सीएम का फेस नहीं बनाया था। शिवराज सिंह चौहान के बाद नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नामों की भी चर्चा शुरू हो गई है।

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