वाणी कपूर ने कहा- दूसरों को देखकर सीखना ही जिंदगी की पाठशाला है
एक मॉडल के तौर पर मैंने दिल्ली में खूब काम किया। पहली बार मुंबई एक विज्ञापन फिल्म में काम करने आई। उसी यात्रा के दौरान यशराज फिल्म्स के लोगों से मेरा मिलना हुआ। वे लोग किसी फिल्म के लिए नया चेहरा तलाश रहे थे। मुझे अच्छी तरह याद है तब मुझसे नाचने के लिए कहा गया था। उसके बाद तमाम बार और ऑडीशन लिए गए और यशराज फिल्म्स में मेरा प्रवेश हो गया। शायद मौका मुझे तलाश रहा था और मेरे माता पिता ने मुझे शुरू से ही इस मौके के लिए तैयार रखा था।
मैं भी माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं
मेरे माता पिता फिल्मों के शौकीन रहे हैं। मेरी मां मुझे बहुत सी फिल्म दिखाया करती थीं। मुझे आज भी याद है मेरी पहली फिल्म, हम आपके हैं कौन। ये तो नहीं याद मैं तब कितने साल की रही होंगी पर माधुरी दीक्षित को पहली बार बड़े पर्दे पर मैंने तभी देखा। मेरी मां ने मुझे कई पुरानी फिल्में भी दिखाई थीं, जैसे सीता और गीता, खूबसूरत, चालबाज़ और भी ना जाने कितनी। मां को दमदार किरदारों वाली फिल्में देखने का ज्यादा शौक था। मैंने भी उनके साथ कई हॉलीवुड व हिन्दी फिल्में देखी हैं। फिल्में हर तरह का तनाव मिटा देती हैं।
खुद को तैयार रखना जरूरी
बचपन में इतनी फिल्में देखने के बाद मुझे ये तो साफ हो गया था कि मुझे क्या करना है। पर तब भी एक अभिनेत्री बनने का ख्याल दूर की कौड़ी ही लगता था। मैं बचपन से अभिनेत्री बनना चाहती थी और इसके लिए खूब तैयारी की है मैंने। किसी भी क्षेत्र में अपना करियर बनाने से पहले खुद से जरूर पूछना चाहिए कि आप इसके लिए तैयार हैं कि नहीं। जिस काम में दिल लगे, वही काम अगर आपका करियर बन जाए तो उससे अच्छा कुछ नहीं है।
आसान नहीं है इंडस्ट्री
फिल्म इंडस्ट्री आसान नहीं है। यहां काम ढूंढना काफी मुश्किल है। कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब दिमाग में तरह तरह के ख्याल आने लगते हैं। इस क्षेत्र में आने की तैयारी कर रहे युवाओं से मेरा यही कहना है कि ज़िंदगी को खुशी से जियो। निराशा से कुछ सही नहीं होता। साथ ही साथ अपने काम में हमेशा अपना सौ प्रतिशत जरूर देना चाहिए क्योंकि आपकी ज़िंदगी मुफ्त की नहीं है। हर चुनौती को एक एक दिन कर पार करना चाहिए। आपको नहीं पता कि कब कोई आपका काम पसंद कर रहा है, क्या पता कल का दिन और भी अच्छा हो।
इंतजार है इस रोल का
अब लोग अपने आसपास की कहानियां परदे पर देखना चाहते हैं। वे ऐसे किरदारों पर यकीन करने लगे हैं जो साधारण परिस्थितियों में रहते हुए भी कुछ बड़ा कर जाते हैं। इस तरह की कहानियों में काफी उछाल आया है। अपने आपको इस समय और इस तरह के बदलाव का हिस्सा पाकर मैं बेहद खुश भी पाती हूं। महिला किरदारों पर केंद्रित फिल्में भी खूब बन रही हैं। मुझे अभी तक इस तरह की फिल्म के लिए कोई ऑफर तो नहीं आया है लेकिन हां, मैं चाहती हूं कि कुछ ऐसा दिलचस्प किरदार मेरे पास आए ताकि मैं उस कहानी के लिए अपने अंदर के कलाकार को और भी विकसित कर पाऊं।
मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मुझे हिंदी सिनेमा के बेहतरीन कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला। वॉर में ऋतिक रोशन ने कभी एहसास नहीं होने दिया कि वह इतने सीनियर अभिनेता हैं। अच्छे कलाकार के साथ साथ वह एक बहुत अच्छे इंसान भी हैं। वह लोगों से झुककर मिलते हैं। कामयाबी का आभामंडल अपने चारों तरफ बनने नहीं देते हैं। वहीं, रणबीर कपूर के साथ मैं फिल्म शमशेरा कर रही हूं। वह भी कमाल के कलाकार हैं। अपने किरदारों में वह इतना डूब जाते हैं कि कुछ और उन्हें परेशान ही नहीं कर सकता। दूसरों को देखकर सीखना ही जिंदगी की पाठशाला है और मैं पूरी उम्र इस पाठशाला की छात्रा बनी रहना चाहती हूं।