वादी ने लगाया धोखाधड़ी कर दस करोड़ हडपने का आरोप, एफआईआर दर्ज
लखनऊ : सूचना अधिकारी अधिनियम-2005 के तहत सहारनपुर निवासी विश्वास मलिक ने जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी, सहारनपुर को आवेदन-पत्र देकर जानकारी चाही थी कि पंजाब नेशनल बैंक की शाखा फतेहपुर द्वारा किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है, इस सम्बन्ध में शाखा व मण्डल कार्यालय ने प्रार्थी व कई किसानों का करोड़ों रूपया हड़प किया हुआ है, और इसमें कोई कार्यवाही नहीं की गयी है, मुझे व अन्य को जान से मारने, झूठे मुकदमें में फंसाने की लगातार धमकी मिल रही है। प्रार्थी ने 1.08.2016 को एफआईआर के लिए एक प्रार्थना-पत्र देकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही का अनुरोध किया था, उसपर क्या कार्यवाही हुई, तथा आरटीआई के तहत दिये गये, आवेदन 26.02.2015 पर आपने अब तक क्या कार्यवाही की गयी है। इस सम्बन्ध में प्रार्थी ने अनेक आवेदन किये, मगर कोई कार्यवाही नहीं की गयी है, अधिनियम के तहत सूचनाएं प्राप्त न होने पर वादी ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर प्रकरण की जानाकरी चाही है। राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी, सहारनपुर को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाये गये, बिन्दुओं की बिन्दुवार सभी सूचनाएं अगले 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से वादी को उपलब्ध कराते हुए, आयोग को अवगत कराये, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये।
सुनवाई के दौरान वादी/प्रतिवादी दोनों उपस्थित हुए। वादी ने लिखित रूप से आयोग को बताया कि पंजाब नेशनल बैंक की शाखा फतेहपुर सहारनपुर व मण्डल कार्यालय, मुजफ्फरनगर के अधिकारियों द्वारा प्रार्थी का 70,00,000 (रू. सत्तर लाख का ऋण मंजूर किया था, औपचारिकता पूर्ण कराते हुए, बैंक प्रबन्धक द्वारा प्लेन बाउचरों पर हस्ताक्षर कराये गये थे, प्लेन बाउचरों का इस्तेमाल करते हुए प्रार्थी व अन्य व्यक्तियों के लाखों रूपये दूसरे खातों में ट्रान्सफर कर धोखाधडी की है, जबकि रूपये प्रार्थी को प्राप्त नहीं कराये गये। प्रार्थी के अलावा अन्य किसानों व भारत सरकार से लगभग 10,00,00,000 (रू. दस करोड) की धोखाधडी की गयी है, जांच अधिकारी के आदेश की अवहेलना करते हुए, बैंक अधिकारियों द्वारा प्रार्थी को 75,00,000 (रू. पच्छतर लाख) का 13 (4) नोटिस दिया गया, नोटिस के सम्बन्ध में 69 लाख न देकर मात्र 9 लाख मिला है। सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी के प्रतिनिधि राशिब सिद्दीकी एवं नरेन्द्र कुमार पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, सहारनपुर उपस्थित हुए उनके द्वारा बताया गया है कि प्रकरण के सम्बन्ध में बैंक प्रबन्धक एसके अरोडा, ऋण प्रबन्धक रामपाल एवं तरूण शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई, इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने आयोग को दी है।