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वित्त मंत्रालय की सलाह- GST रिटर्न फॉर्म फाइलिंग के समय रहें सतर्क

वित्त मंत्रालय की ओर से कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न भरते समय सतर्क रहने की सलाह दी गई है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि साझा रिटर्न फॉर्म भरने के लिए अब पोर्टल पर उपलब्ध होगा लेकिन इसे संशोधित करने की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी. इसके साथ ही मंत्रालय ने जीएसटी देने वालों से अपना रिटर्न शीघ्र भरने को कहा है.

मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2018 को सालाना रिटर्न फार्म GSTR-9, GSTR-9A और GSTR-9C को नोटिफाई किया था. जीएसटी काउंसिल की ओर से दिसंबर में ये फॉर्म भरने की समय सीमा तीन महीने बढ़ाकर 30 जून 2019 कर दी गई थी. बता दें कि GSTR-9 सामान्य टैक्‍सपेयर्स के लिए सालाना रिटर्न फॉर्म है. वहीं GSTR-9A एक मुश्त योजना (कंपोजिशन स्कीम) के दायरे में आने वाले टैक्‍सपेयर्स और GSTR-9C मिलान ब्‍यौरा देने के लिए है.

इससे पहले गुरुवार को वित्‍त मंत्रालय ने छोटे कारोबारियों के लिए जीएसटी में पंजीकरण से छूट के लिए वार्षिक कारोबार की सीमा बढ़ाकर 40 लाख रुपये किए जाने के निर्णय को नोटिफाई किया. यह छूट 1 अप्रैल से लागू होगी. इसका फायदा छोटे और मझोले उद्यमों को होगा. इसके अलावा 1.5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयों को एक मुश्त कर (कंपोजीशन) की योजना भी एक अप्रैल से लागू होगी.

वित्‍त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘वस्तुओं की आपूर्तिकर्ताओं के लिये जीएसटी के तहत पंजीकरण और भुगतान से छूट के लिए दो सीमा है. एक सीमा 40 लाख रुपये और दूसरी सीमा 20 लाख रुपये है. राज्यों के पास एक सीमा अपनाने का विकल्प है.’’ बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने 10 जनवरी को ये निर्णय किए थे.

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