वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अपना खाजाना खोल दिया है. हालांकि मध्यम वर्ग के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं मिला है. इसके उलट बजट ने उसकी चिंताएं बढ़ा दी हैं.
बजट के बाद आम आदमी के घर का बजट गड़बड़ाने की आशंका पैदा हो गई है. इसकी वजह है आयकर के मोर्चे पर राहत न मिलना और महंगाई बढ़ने की आशंका. आइए जानते हैं कैसे देश के आम बजट ने आपका खर्च बढ़ाने का काम किया है. इसके साथ ही जानिए कहां-कहां आपको ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है.
पड़ेगी महंगाई की मार
आम बजट में सरकार ने किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए एग्री उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना इजाफा करने का फैसला लिया है. आर्थिक जानकारों का दावा है कि इस फैसले से देश में महंगाई को दस्तक देने से कोई नहीं रोक सकता.
बिगड़ेगा रसोई का बजट
समर्थन मूल्य बढ़ाने से देश में फसल उत्पाद की कीमतों में इजाफा हो जाता है जिसके चलते महंगाई बढ़ना तय हो जाता है. दरअसल अधिक समर्थन मूल्य के इस नीतिगल फैसले से केंद्र सरकार के खजाने पर बोझ पड़ेगा और आम आदमी को गेंहू, चावल, दाल और तिलहन तय निर्धारित कीमतों से अधिक पर उपलब्ध होगा. इस असर के चलते आम आदमी की रसोई का बजट तो बिगड़ना तय है.
मोबाइल-टीवी हुआ महंगा
बजट में सरकार ने मोबाइल फोन समेत आयात किए जाने वाले अन्य कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है. इसे 20 फीसदी कर दिया गया है. कस्टम ड्यूटी बढ़ने का नुकसान आम आदमी को झेलना पड़ सकता है.
टैक्स के मोर्चे पर भी राहत नहीं
केंद्र सरकार ने आम बजट में टैक्स के मोर्चे पर भी कोई राहत नहीं दी है. आम आदमी को उम्मीद थी कि उसे इस बजट में टैक्स के मोर्चे पर कम से कम 50 हजार रुपये की राहत मिलेगी. लेकिन सरकार ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है और इन्हें पुराने टैक्स स्लैब में ही रखा है.
ये है टैक्स रेट
मौजूदा समय में आपको आपकी इनकम के मुताबिक 5 से 30 फीसदी तक टैक्स चुकाना पड़ता है. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अगर आपकी इनकम 2.5 लाख रुपये तक है, तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. 2.5 से 5 लाख पर 5 फीसदी, 5 लाख-10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से अधिक पर आपको 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए मौजूदा टैक्स स्लैब
अगर आपकी उम्र 60 साल से ज्यादा है और 80 साल से कम है, तो आपके लिए अन्य के मुकाबले टैक्स रेट अलग हैं. इसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं. इनके लिए 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं. 3 से 5 लाख पर 5 फीसदी, 5 से 10 लाख पर 20 और 10 लाख से अधिक पर आपको 30 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा.