विदेशी चंदा मामला : केन्द्र और निर्वाचन आयोग को नोटिस
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भाजपा के साथ कांग्रेस को भी ब्रिटेन स्थित वेदांता रिसोर्सेज की सहायक कंपनी से चंदा लेने के मामले में पहली नजर में विदेशी चंदा कानून के उल्लंघन का दोषी पाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका पर शुक्रवार को केन्द्र और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किये। प्रधान न्यायाधीश आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कांग्रेस की अपील पर सुनवाई के लिये सहमति व्यक्त करते हुये कहा कि विदेशी चंदा रूनियमनरू कानून की व्याख्या की आवश्यकता है। न्यायालय ने केन्द्र सरकार और आयोग को आठ सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इंकार करते हुये कहा कि यदि इस आदेश पर अमल के कारण कोई कार्रवाई की जाती है तो कांग्रेस पार्टी उसके पास आ सकती है। कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि इस चंदे के बारे में कोई तथ्य छिपाया नहीं गया था और इसे निर्वाचन आयोग में दाखिल रिटर्न में दर्शाया गया था। कांग्रेस ने दलील दी है कि वेदांता भारतीय नागरिक अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली कंपनी है और उसकी सहयोगी कंपनियां यहां निगमित हैं। इसलिए इसे विदेशी स्रोत नहीं माना जा सकता है। उच्च न्यायालय ने 28 मार्च को अपने फैसले में कहा था कि कंपनी कानून के तहत वेदांता विदेशी कंपनी है और इसलिए अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली कंपनी और उसकी सहयोगी कंपनी स्टरलाइट और सेसा विदेशी चंदा नियमन कानून के अनुसार विदेशी स्रोत हैं। न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स और भारत सरकार के पूर्व सचिव ईएएस शर्मा की जनहित याचिका पर यह फैसला सुनाया था।