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विदेशों में फंसे राजदूतों से बातचीत की रणनीति बना रहा है भारत

नई दिल्ली : पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है। वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई, भारत पर इसके प्रभाव और आगे की रणनीति पर विदेश में भारतीय दूतों के साथ विस्तृत बातचीत की। यह जयशंकर का विदेश में शीर्ष भारतीय राजनयिकों के साथ बैठकों का दूसरा दौर है। 20 मार्च को पहली बातचीत में विदेशों में फंसे भारतीयों पर चर्चा की गई थी। तब उन्होंने भारतीय नागरिकों से आग्रह किया था कि वे स्थिर रहें और घबराएं नहीं।
गुरुवार की इस बातचीत में अगले कुछ हफ्तों में फंसे भारतीयों को घर लाने की सरकार की योजना पर चर्चा हो सकती है। जयशंकर ने एशिया प्रशांत क्षेत्र के दूतों के साथ शुरुआत की है। इसके बाद वे दक्षिण-पूर्व एशियाई देश और फिर दक्षिण एशिया के देशों में राजदूतों से बात करेंगे।
इस बातचीत में केवल जयशंकर नहीं होंगे बल्कि विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे। भारतीय राजनयिक इस बात पर भी ध्यान दे रहे हैं कि दूसरे देशों ने उस वायरस से कैसे निपटा है, जिसने केवल चार महीनों में 225,000 लोगों की जान ले ली है। 3 मिलियन से अधिक को संक्रमित कर कई देशों को लॉकडाउन मोड में डाल दिया है।

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