विपक्ष के सवाल, पर अमरिंदर सिंह ने की गोगोई को सम्मानित करने के फैसले की तारीफ
जम्मू-कश्मीर में 24 साल के लड़के फारुख अहमद डार को जीप से बांधने वाले मेजर नितिन लीतुल गोगोई को सेना द्वारा सम्मानित किए जाने पर विवाद हो रहा है. विपक्ष ने कहा है कि गोगोई को सम्मानित करने में जल्दबाजी की गई. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फैसले की सरहाना की है.
जनता दल यूनाइटेड के नेता शरद यादव ने गोगोई को सम्मानित किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसका कश्मीर में बुरा असर होगा.
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सेना में कैप्टन रह चुके हैं अमरिंदर
वहीं सेना में कैप्टन के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके अमरिंदर सिंह ने गोगोई को सम्मानित किए जाने को सेना की उच्च परंपरा को जीवित रखने वाले कार्य की संज्ञा दी और कहा कि भारतीय सेना साहस और पहल को हमेशा सम्मानित करती है.
मेजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले लोगों की आलोचना करते हुए अमरिंदर ने कहा कि यह साफ है कि उन्हें सेना के काम करने का तरीका और भारतीय सेना की पंरपरा नहीं पता. भारतीय सेना वीरता और साहस की विशिष्ट संस्कृति में पगा एक अनूठा संस्थान है.
बच रही है कांग्रेस
हालांकि कांग्रेस इस मामले पर कुछ कहने से बचती दिखी और उसने कहा कि वह मेजर लीतुल गोगोई को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए प्रशस्ति पत्र देने को लेकर सैन्य प्रमुख पर सवाल नहीं खड़े करना चाहती है.
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क्या है मामला
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में एक स्थानीय व्यक्ति 24 साल फारुख अहमद डार को सेना की जीप के आगे बांध कर घुमाने का एक वीडियो नौ अप्रैल को सामने आया, जिसके बाद काफी हंगामा मचा. 15 अप्रैल को सेना ने मामले की जांच का आदेश दे दिया, हालांकि अभी तक जांच की रिपोर्ट नहीं आई है. अमरिंदर ने कहा कि मेजर ने परिस्थिति के अनुकूल फैसला लेने और साहस का अद्भुत परिचय दिया, जो एक अच्छे सैन्य अधिकारी के लक्षण हैं.
मेजर गोगोई को पुरस्कृत करने की मांग करने वाले पहले राजनीतिक अमरिंदर ने कहा कि यह अच्छी बात है कि चारों तरफ से हो रही आलोचना के बावजूद सेना अपने अधिकारी के साथ खड़ी रही.