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वीआईपी को रास्ता देने के लिए काफी देर तक रोकी गईं दो एम्बुलेंस, लोगों ने जताई नाराजगी

हैदाराबाद (Hyderabad) में एक वीआईपी को रास्ता देने के लिए दो एम्बुलेंस को काफी देर तक जाम में फंसा रहना पड़ा. हैदाराबाद में एम्बुलेंस से ज्यादा किसी वीआईपी को अहमियत दी जाती है. आज भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. मसब टैंक इलाके से किसी वीआईपी का कॉन्वॉय गुजर रहा था, जिसकी वजह काफी देर तक सड़क के ट्रैफिक को रोक दिया गया था.

मसब टैंक के ट्राफीक जाम में दो एम्बुलेंस काफी देर तक बुरी तरह फंस गई. गंभीर हालत में एक महिला मरीज को एक एम्बुलेंस में ले जाया जा रहा था. दूसरी में भी एक मरीज को ले जाया जा रहा था. काफी देर तक एम्बुलेंस को रोका देख, डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी एम्बुलेंस से उतरे और ट्रैफिक पुलिस से काफी विनती की. उन्हें ये भी बताया गया कि महिला की हालत गंभीर है, फिर भी ट्रैफिक पुलिस नहीं मानी और वीआईपी प्रोटोकॉल का वास्ता दिया.

वीआईपी के जाने के बाद एम्बुलेंस के डॉक्टर ट्रैफिक को क्लियर करके एम्बुलेंस को अस्पताल की तरफ ले गए. हैदराबाद पुलिस की इस हरकत पर लोग नाराजगी जता रहे हैं. इससे पहले तेलंगाना से भी एक मामला सामने आया था जिसमें एक एम्बुलेंस को काफी देर तक रोके जाने के चलते कोरोना मरीज की मौत हो गई.मरीज का ऑक्सीजन लेबल बहुत ज्यादा गिर गया था और उसकी तबीयत बहुत बिगड़ गई थी, लेकिन फिर भी तेलंगाना पुलिस ने उसे हैदाराबाद आने नहीं दिया. अब्दुल्ला का इलाज कराने के लिए उसकी पत्नी काफी गिड़गिड़ाई भी थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और एंबुलेंस को जाने नहीं दिया गया.

वहीं घंटों इंतजार के बाद स्थानीय विधायक हाफिज खान ने उन्हें कर्नूल सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. इलाज के दौरान वेंटिलेटर भी लगाया गया, मगर कोई फायदा नहीं हुआ. कर्नूल अस्पताल के डॉक्टर अब्दुल्ला को बचाने में नाकाम रहे. अब्दुल्ला की पत्नी ने बहुत दुख के साथ रोते हुए रविवार को बताया कि उनके पति अब नहीं रहे, वो गुजर गए. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास था कि अगर एंबुलेंस को हैदाराबाद जाने दे देते तो शायद उनका पति बच जाता.

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