राष्ट्रीय राजधानी के एक आश्रम में महिलाओं और लड़कियों को कथित रूप से कैद रखने के मामले में फरार चल रहे बाबा वीरेंद्र देव के वकील ने हाई कोर्ट में कहा कि नारी नरक का द्वार हैं इसलिए हमें उन्हें कैद करके रखना होगा। वकील के इस बयान के बाद हाई कोर्ट में हंगामा शुरू हो गया। कोर्ट रूम में मौजूद दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख समेत सभी महिला वकीलों ने इस टिप्पणी पर आपत्ति दर्ज कराई।
‘विश्वविद्यालय’ शब्द हटाने को लेकर दलील
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गई कि दीक्षित के आश्रम ‘आध्यात्मिक विश्वविद्यालय’ के नाम से विश्वविद्यालय हटाया जाए। दरअसल, इसके पीछे उन्होंने यह तर्क दिया कि लोग यह सोचते हैं कि यह विश्वविद्यालय है। इस पर यूजीसी ऐक्ट भी अदालत में पढ़ा गया, जिस पर अदालत ने यह माना कि यह ना तो विश्वविद्यालय है और ना ही कोई सोसायटी है।
नारी को वकील ने बताया नरक का द्वार
कोर्ट से बाहर का दिखाया रास्ता
वीरेंद्र देव के वकील की इस टिप्पणी पर स्वाति जयहिंद वकील पर कोर्ट में चिल्लाने लगीं और वकील की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई। हंगामे में जज ने वकील और उसके सभी साथियों को कोर्ट से बाहर कर दिया।